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(ठा+स्सि+सि) =ठास्सिसि→ ठस्सिसि = (तुम) ठहरोगे / ठहरोगी। (भवि.म.पु.एक.)
(हो+स्सि+सि)
होस्सिसि
(तुम) होओगे / होओगी। (भवि. म. पु. एक . )
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(ङ) अर्धमागधी प्राकृत में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष एकवचन में 'स्स' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष एकवचन के 'सि और से' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'ई' और 'ए' हो जाता जैसे
है।
( हस + स्स+सि, से) =हसिस्ससि, हसिस्ससे, हसेस्ससि, हसेस्ससे
(तुम) हँसोगे / हँसोगी। (भवि.म. पु. एक.) (च) अर्धमागधी प्राकृत में आकारान्त व ओकारान्त आदि क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष एकवचन में 'स्स' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष एकवचन का 'सि' प्रत्यय भी जोड़ दिया जाता है। जैसे
(ठा+स्स+सि) = ठास्ससिठस्ससि = (तुम) ठहरोगे / ठहरोगी । (भवि.म.पु.एक.) (हो+स्स+सि) होस्ससि = (तुम) होओगे / होओगी। (भवि.म. पु. एक.)
( प्राकृत के नियमानुसार संयुक्ताक्षर के पहिले यदि दीर्घ स्वर हो तो वह ह्रस्व हो जाता है) ।
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प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग - 2)
मध्यम पुरुष बहुवचन 2 / 2
17. (क) प्राकृत भाषा में अकारान्त क्रियाओं में भविष्यत्काल के मध्यम पुरुष बहुवचन में 'हि' प्रत्यय क्रियाओं में जोड़ा जाता है, इसको जोड़ने के पश्चात वर्तमानकाल के मध्यम पुरुष बहुवचन के 'ह और इत्था' प्रत्यय भी जोड़ दिये जाते हैं और क्रिया के अन्त्य 'अ' का 'इ' और 'ए' हो जाता है। जैसे
( हस + हि+ह, इत्था) = हसिहिह, हसेहिह, हसिहित्था, हसेहित्था = (तुम दोनों / तुम सब ) हँसोगे / हँसोगी । (भवि.मं. पु. बहु)
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