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________________ -------------- .. अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) सप्तमी एकवचन 7/1 23. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग सर्वनाम एत के सप्तमी विभक्ति एकवचन में त्थ प्रत्यय जोड़ा जाता है और एत के त का लोप हो जाता है। एत (यह) (पु., नपुं.) (एत+त्थ) = एत्थ (सप्तमी एकवचन) --------- अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) सप्तमी एकवचन 7/1 24. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग सर्वनाम एत के सप्तमी विभक्ति एकवचन में ए का विकल्प से अ और ई होता है तथा त का लोप हो जाता है और म्मि प्रत्यय जोड़ा जाता है। एत (यह) (पु., नपुं.)(अअ+म्मि)=अअम्मि→अयम्मि (सप्तमी एकवचन) (ईअ+म्मि) = ईअम्मि→ईयम्मि (सप्तमी एकवचन) अन्य रूप - एतम्मि, एतस्सिं, एत्थ 25. अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) प्रथमा एकवचन 1/1 प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग सर्वनाम एत के प्रथमा विभक्ति एकवचन में विकल्प से एस, इणं, इणमो होते हैं। एत (यह) (पु., नपुं.) = एस, इणं, इणमो (प्रथमा एकवचन) अन्य रूप - एसो (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार) एतं (नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द कमल के अनुसार) - - - - - - अकारान्त सर्वनाम (पु.) आकारान्त सर्वनाम (स्त्री.) प्रथमा एकवचन 1/1 (60) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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