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________________ एकवचन व द्वितीया विभक्ति एकवचन में क्रम से इदं, इणमो, इणं होते - - - - - - - - - - - - अकारान्त सर्वनाम (नपुं.) प्रथमा एकवचन 1/1, द्वितीया एकवचन 2/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त नपुंसकलिंग क सर्वनाम के प्रथमा विभक्ति एकवचन व द्वितीया विभक्ति एकवचन में किं होता है। 20. ---------------------------------------- - - - - - - - - - - - - अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.), आकारान्त सर्वनाम (स्त्री.) षष्ठी एकवचन 6/1, षष्ठी बहुवचन 6/2 21. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग इम, एत, त तथा स्त्रीलिंग इमा, एता, ता सर्वनामों के षष्ठी विभक्ति एकवचन में विकल्प से से तथा षष्ठी विभक्ति बहुवचन में विकल्प से सिं होता है। अन्य रूप - (पुल्लिंग में देव के समान, नपुंसकलिंग में कमल के समान तथा स्त्रीलिंग में कहा के समान चलेंगे जिन्हें रूपावली में देखें) .......... अकारान्त सर्वनाम (पु., नपुं.) पंचमी एकवचन 5/1 22. प्राकृत भाषा में पुल्लिंग, नपुंसकलिंग सर्वनाम एत के पंचमी विभक्ति .... एकवचन में विकल्प से तो और ताहे प्रत्यय जोड़े जाते हैं और एत के त का लोप हो जाता है। एत (यह) (पु., नपुं.) (एत+त्तो, ताहे) = एत्तो, एत्ताहे (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - एताओ, एताउ, एताहि, एताहिन्तो, एता . (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार, तथा नपुंसकलिंग कमल के अनुसार) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) (59) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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