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________________ 9. अकारान्त सर्वनाम (पु.) पंचमी एकवचन 5/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग त सर्वनाम के पंचमी विभक्ति एकवचन में विकल्प से 'ओ' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। जैसेत (वह) (पु.) (त+ओ) = तो (पंचमी एकवचन) । अन्य रूप - तम्हा - - - - - - - - - - - - 10. अकारान्त सर्वनाम (पु.) पंचमी एकवचन 5/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग क सर्वनाम के पंचमी विभक्ति एकवचन में विकल्प से 'इणो' और 'ईस' प्रत्यय भी जोड़े जाते हैं। जैसेक (कौन) (पु.) (क+इणो, ईस) = किणो, कीस (पंचमी एकवचन) अन्य रूप - कम्हा 11. अकारान्त सर्वनाम (पु.) तृतीया एकवचन 3/1 प्राकृत भाषा में अकारान्त पुल्लिंग इम, एत, क, ज और त सर्वनामों के तृतीया विभक्ति एकवचन में विकल्प से 'इणा' प्रत्यय भी जोड़ा जाता है। जैसेइम (यह) (पु.) (इम+इणा) = इमिणा (तृतीया एकवचन) अन्य रूप - इमेण, इमेणं (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार) एत (यह) (पु.) (एत+इणा) = एतिणा (तृतीया एकवचन) अन्य रूप - एतेण, एतेणं (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार) क (कौन) (पु.) (क+इणा) = किणा (तृतीया एकवचन) अन्य रूप - केण, केणं (पुल्लिंग संज्ञा शब्द देव के अनुसार) ज (जो) (पु.) (ज+इणा) = जिणा (तृतीया एकवचन) (54) प्राकृत-हिन्दी-व्याकरण (भाग-1) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004204
Book TitlePrakrit Hindi Vyakaran Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2012
Total Pages198
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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