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________________ भारत को 'स्वराज' मिला ? बनाम वेटिकन की सत्ता का व्याप पब्लिक ट्रस्ट ऐक्ट के एक ही कानून द्वारा भारत के सभी धर्मशासनों की धार्मिक संपत्ति रातों-रात राज्यसत्ता का स्वामित्व स्थापित करके वेटिकन ने स्वंय की विश्व व्यापी सत्ता का प्रमाण दे दिया है, विश्व पर अपने स्वामित्व का प्रमाण दे दिया है। हिन्दू कोड बिल के एक ही कानून के द्वारा हिन्दू प्रजा की सामाजिक व्यवस्था को एक ही झटके में छिन्न-भिन्न करके वेटिकन ने अपनी सत्ता के व्याप को उजागर कर दिया है। "प्रिवेन्शन ऑफ क्रुएल्टिस टू एनिमल्स" नामक कानून द्वारा भारत के तमाम पशुओं पर वेटिकन ने अपना स्वामित्व प्रमाणित कर दिया है। "विश्व के तमाम सचराचर पदार्थों पर स्वयं का स्वामित्व जाहिर करने मात्र से, स्वयं का स्वामित्व मान लेने मात्र से क्या विश्व पर स्वामित्व हो जाता है ?' ऐसे प्रश्नकर्ताओं को मान लिया गया स्वामित्व प्रस्थापित करके भी वेटिकन ने चुप कर दिया है। जो वेटिकन सत्ता पहले अपने हुक्मों का पालन ब्रिटिश सत्ता के माध्यम से कराती थी, वह वेटिकन अब 'यूनो' के माध्यम से हुक्मों का पालन कराती है। यूनो की स्थापना के पहले अलग-अलग यूरोपीय राष्ट्रों के द्वारा अलग-अलग देशों प्रदेशों पर वेटिकन सत्ता अपना आधिपत्य चलाती थी। किंतु भिन्न-भिन्न देशों-प्रदेशों को एक ही सत्ता केन्द्र के अंकुश तले लाने के लिए उन प्रदेशों पर हुकूमत चलाने वाली यूरोपीय सत्ताओं का 'स्वराज' देने के बहाने विसर्जन किया गया और उन तमाम राष्ट्रों को 'यूनो' के मजबूत केन्द्र (खूंटे) के साथ जोड़ दिया गया। जिससे अलग-अलग यूरोपीय राष्ट्रों के माध्यम से सत्ता चलाने के बजाय यूनो के एक ही केन्द्र द्वारा वेटिकन सत्ता के हुक्मों का अमल कराया जा सके। 'स्वराज्य' देने का यह गूढ़ अर्थ है - अलगअलग यूरोपीय राष्ट्रों के द्वारा सत्ता चलाने के बजाय एक मजबूत केन्द्र द्वारा वेटिकन की सत्ता लागू करना । ईस्ट इंडिया कंपनी का विसर्जन ब्रिटिश सत्ता में; ब्रिटिश सत्ता का विसर्जन यूनो के केन्द्र में । वेटिकन के 'बुल' (पोप का आदेश) की घोषणा को मजाक समझने वाले यूनो की स्थापना के पीछे के इस गूढ़ रहस्य को कभी नहीं समझेगें । विश्वनेता जैसे भारत के महासंत भी अगर इस रहस्य को नहीं समझ पाए है तो औरों की तो बिसात ही क्या ? ब्रिटिश सत्ता का लक्ष्य मात्र भारत था; यूनो का लक्ष्य तो विश्व के तमाम राष्ट्र हैं। दुनिया के करीब-करीब सभी राष्ट्रों को यूनो का सदस्य बना दिया गया है। वेटिकन भी स्वतंत्र देश है किन्तु यूनो का सदस्य नहीं बना है उसे यूनो का सदस्य नहीं बनाया गया है। यूनो की सत्ता विश्व के सभी देशों पर चलती है, किन्तु यूनो पर वेटिकन की सत्ता चलती है क्योंकि यूनो का जन्मदाता वेटिकन है और यूनो विश्व के तमाम राष्ट्रों पर वेटिकन का स्वामित्व स्थापित / फलित करने की दिशा में आगे बढ़ता जा रहा है। Jain Education International (25) For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004203
Book TitleMananiya Lekho ka Sankalan
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages56
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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