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________________ सातवां अध्ययन श्रमणोपासक सकडालपुत्र सकडाल को समझाने गोशालक आया को वंदना नमस्कार किया । वंदन नमस्कार कर उसी धार्मिक रथ पर सवार हुई तथा जिस दिशा से आई थी उसी दिशा में लौट गई। - तत्पश्चात् श्रमण भगवान् महावीर स्वामी पोलासपुर नगर के सहस्राम्रवन उद्यान से प्रस्थान कर अन्य जनपदों में विहार कर गए। (५५) तणं से सद्दालपुत्ते समणोवासए जाए अभिगयजीवाजीवे जाव विहर । भावार्थ - तदनन्तर सकडालपुत्र जीव अजीव आदि तत्त्वों का ज्ञाता श्रमणोपासक हो गया यावत् साधु साध्वियों को प्रासुक एषणीय आहार पानी प्रतिलाभित करते हुए धार्मिक जीवन जीने लगा । सकडाल को समझाने गोशालक आया १४१ तणं से गोसाले मंखलिपुत्ते इमीसे कहाए लद्धट्ठे समाणे 'एवं खलु सद्दालपुत्ते आजीवियसमयं वमित्ता समणाणं णिग्गंथाणं दिट्ठि पडिवण्णे, तं गच्छामि णं सद्दालपुत्तं आजीविओवासयं समणाणं णिग्गंथाणं दिट्ठि वामेत्ता पुणरवि आजीवियदिट्ठि गेण्हावित्तए' त्तिकट्टु एवं संपेहेइ, संपेहित्ता आजीवियसंघसंपरिवुडे जेणेव पोलासपुरे णयरे जेणेव आजीवियसभा तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता आजीवियसभाए भंडगणिक्खेवं करेइ, करेत्ता कइवएहिं आजीविएहिं सद्धिं जेणेव सद्दालपुत्ते समणोवासए तेणेव उवागच्छइ । Jain Education International कठिन शब्दार्थ - आजीवियसमयं आजीविक सिद्धान्त को, वमित्ता - छोड़ कर, दिट्ठि - दृष्टि-दर्शन को, गेहावित्तए - ग्रहण कराऊं, आजीवियसंघ संपरिवुडे - आजीविक संघ के साथ, आजीवियसभा - आजीविक सभा, भंडगणिक्खेवं करेइ - पात्र उपकरण रखे, कइवएहिं - कतिपय, आजीविएहिं आजीविकों के, सद्धिं - साथ । भावार्थ - मंखलिपुत्र गोशालक को ज्ञात हुआ कि सकडालपुत्र आजीविकोपासक ने आजीविक मत का त्याग कर श्रमण-निर्ग्रथों की दृष्टि स्वीकार करली है, तो उसने सोचा कि मुझे जाना चाहिए तथा सकडालपुत्र से जैनधर्म छुड़वा कर पुनः आजीविक मत में स्थिर करना चाहिए। वह अनेक आजीविक -मतियों के साथ पोलासपुर नगर में आया और 'आजीविक सभा' में भण्डोपकरण रख कर अपने शिष्यों सहित सकडालपुत्र श्रमणोपासक के निकट आया । - For Personal & Private Use Only - www.jainelibrary.org
SR No.004202
Book TitleUpasakdashang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2004
Total Pages210
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_upasakdasha
File Size20 MB
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