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___षोडश उद्देशक - सचित्त इक्षु सेवन विषयक प्रायश्चित्त
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जे भिक्खू सचित्तं १ अंतरुच्छुयं वा २ उच्छुखंडियं वा, ३. उच्छुचोयगं वा ४ उच्छुमेरगं वा, ५ उच्छुसालगं वा ६ उच्छुडगलं वा, भुंजइ, भुजंतं वा साइज्जइ॥८॥
जे भिक्खू सचित्तं पइट्ठियं अंतरुच्छुयं वा जाव उच्छुडगलं वा विडंसंइ विडंसंतं वा साइज्जइ॥९॥
जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंतरुच्छुयं वा जाव उच्छुडगलं वा भुंजइ, भुंजंतं वा साइजइ ॥१०॥
जे भिक्खू सचित्तपइट्ठियं अंतरुच्छुयं वा जाव उच्छुडगलं वा विडंसइ विडंसंतं वा साइज्जइ॥११॥
कठिन शब्दार्थ - उच्छु - ईख - गन्ना, विडंसइ - विदष्ट करता है - चूसता है, सचित्तपइट्ठियं - सचित्त प्रतिष्ठित - सचित्त जल, हरियाली आदि पर रखा हुआ, अंतरुच्छुयंगन्ने के पौं - गांठों का मध्यवर्ती भाग, उच्छुखंडियं - गन्ने के खण्ड - छिलके सहित टुकड़े, उच्छुचोयगं - गन्ने के छिलके, उच्छुमेरगं - गन्ने के छिले हुए टुकड़े, उच्छुसालगंगन्ने के रससंपृक्त छिलका या रस, उच्छुडगलं (उच्छुडालगं) गन्ने के छोटे-छोटे गोल
टुकडे।
. भावार्थ - ४. जो भिक्षु सचित्त गन्ने को खाता है या खाने वाले का अनुमोदन करता है। ..
५. जो भिक्षु सचित्त गन्ने को चूसता है या चूसने वाले का अनुमोदन करता है।
६. जो भिक्षु सचित्त प्रतिष्ठित गन्ने को जाता है अथवा खाने वाले का अनुमोदन करता है।
- ७. जो भिक्षु सचित्त प्रतिष्ठित गन्ने को चूसता है अथवा चूसने वाले का अनुमोदन करता है।
.८. जो भिक्षु सचित्त गन्ने की फांके - लम्बे-पतले टुकड़े, गन्ने के टुकड़े - गंडेरी, गन्ने के पर्वो का मध्यवर्ती भाग, गन्ने के खण्ड-छिलके सहित टुकडे, गन्ने के छिलके, गन्ने के छिले हुए टुकड़े, गन्ने के रस संपृक्त छिलके या रस, गन्ने के छोटे-छोटे गोल टुकड़े - इनमें से किसी को भी खाता है या खाने वाले का अनुमोदन करता है।
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