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निशीथ सूत्र
जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा देइ देंतं वा साइजइ॥ ९४॥
जे भिक्खू कुसीलस्स वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ॥ ९५॥
जे भिक्खू णितियस्स वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा देइ देंतं वा साइज्जइ॥ ९६॥ - जे भिक्खू णितियस्स वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइज्जइ॥ ९७॥
जे भिक्खू संसत्तस्स वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा देइ देंतं वा साइज्जइ॥ ९८॥ - जे भिक्खू संसत्तस्स. वत्थं वा पडिग्गहं वा कंबलं वा पायपुंछणं वा , पडिच्छइ पडिच्छंतं वा साइजइ॥ ९९॥
भावार्थ - ९०. जो भिक्षु पार्श्वस्थ को वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन देता है अथवा देने वाले का अनुमोदन करता है।
९१. जो भिक्षु पार्श्वस्थ से वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन प्रतिगृहीत करता है - लेता है अथवा लेने वाले का अनुमोदन करता है।
९२. जो भिक्षु अवसन्न को वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन देता है अथवा देने वाले का अनुमोदन करता है।
९३. जो भिक्षु अवसन्न से वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन लेता है अथवा लेने वाले का अनुमोदन करता है। __९४. जो भिक्षु कुशीलसेवी को वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन देता है अथवा देने वाले का अनुमोदन करता है।
९५. जो भिक्षु कुशीलसेवी से वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन लेता है अथवा लेने वाले का अनुमोदन करता है। ___ ९६. जो भिक्षु नित्यपिण्डभोजी को वस्त्र, पात्र, कंबल या पादपोंछन देता है अथवा देने वाले का अनुमोदन करता है।
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