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निशीथ सूत्र
दासियों के लिए, सिंहलीण - सिंहल (लंका या सीलोन) देशोत्पन्न दासियों के लिए,
आरवीण - अरब देशोत्पन्न दासियों के लिए, पुलिंदीण - पुलिंद देशोत्पन्न दासियों के लिए, पक्कणीण - पक्कण देशोत्पन्न दासियों के लिए, बहलीण - बाह्रीक देशोत्पन्न दासियों के लिए, मुरंडीण - मुरण्ड देशोत्पन्न दासियों के लिए, सबरीण - शबर देशोत्पन्न दासियों के लिए, पारसीण - फारस (ईरान) देशोत्पन्न दासियों के लिए।
भावार्थ - २१. जो भिक्षु क्षत्रियकुलोत्पन्न, शुद्ध मातृ-पितृ वंशीय एवं मूर्धाभिषिक्त राजा के क्षत्रियवंशी अंगरक्षकों, अधीनस्थ माण्डलिक राजाओं, अपने राज्य के सीमावर्ती प्रदेश के शासकों, राजाश्रितजनों या राजसेवकों के लिए तैयार कराए गए, रखे गए भोज्य पदार्थों में से अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप आहार ग्रहण करता है अथवा ग्रहण करते हुए का अनुमोदन करता है।
२२. जो भिक्षु क्षत्रियकुलोत्पन्न, शुद्ध मातृ-पितृ वंशीय एवं मूर्धाभिषिक्त राजा के नाट्यकारों, नर्तकों, रस्सी पर नाचने वालों, राजस्तुति पाठकों, मल्लयुद्धकरों - पहलवानों, मौष्टिक युद्धकरों, मसखरों, कथकों, बंदरों की तरह उछल-कूद करने वालों - उस प्रकार तमाशे दिखाने वालों, वन्दीजनों, भुजाओं द्वारा खेल करने वालों - करिश्मे दिखाने वालों या छत्रधारी अनुगामियों (क्रीडकों या छत्रधारकों) के लिए तैयार कराए गए, रखे गए भोज्य पदार्थों में से अशन-पानखाद्य-स्वाद्य रूप आहार ग्रहण करता है अथवा ग्रहण करते हुए का अनुमोदन करता है। .
२३. जो भिक्षु क्षत्रियकुलोत्पन्न, शुद्ध मातृ-पितृ वंशीय एवं मूर्धाभिषिक्त राजा के अश्वपालकों, हस्तिपालकों, महिषपालकों, वृषभपालकों, सिंहपालकों, व्याघ्रपालकों, अजपालकों, कपोतपालकों, मृगपालकों, श्वानपालकों, शूकरपालकों, मेषपालकों, कुक्कुटपालकों, (वानरपालकों), तीतरपालकों, बतखपालकों, लावक (पक्षी विशेष) पालकों, चील (चील्ह) पालकों, हंसपालकों, मोरपालकों, शुक (तोता) पालकों के लिए तैयार कराए गए, रखे गए भोज्य पदार्थों में से अशन-पान-खाद्य-स्वाद्य रूप आहार ग्रहण करता है अथवा ग्रहण करते हुए का अनुमोदन करता है।
२४. जो भिक्षु क्षत्रियकुलोत्पन्न, शुद्ध मातृ-पितृ वंशीय एवं मूर्धाभिषिक्त राजा के अश्वशिक्षकों या हस्तिशिक्षकों के लिए तैयार कराए गए, रखे गए भोज्य पदार्थों में से अशन-पान-खाद्यस्वाद्य रूप आहार ग्रहण करता है अथवा ग्रहण करते हुए का अनुमोदन करता है।
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