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निशीथ सूत्र
चीत्रक या चीते के चर्म के वस्त्र, परवंगाणि - बन्दर के चर्म के वस्त्र, सहिणाणि - श्लक्ष्ण - सूक्ष्म या बारीक वस्त्र, सहिणकल्लाणि - श्लक्ष्ण कल्य - मुलायम, चिकने वस्त्र, खोमाणि - क्षौम - रेशमी वस्त्र, दुगुल्लाणि - दुकूल - कपास के वस्त्र; (तिरीडपट्टाणि - तिरीट संज्ञक वृक्ष की छाल के वस्त्र), पतु(ल्ला )ण्णाणि - प्रतुल - बारीक रेशे के वस्त्र, आवरंताणि - आवृत - बारीक सूत्रों - धागों के वस्त्र, वी( ची )णाणिचीन देश के (रेशम के) वस्त्र, अंसुयाणि - रेशम के कीड़ों से बने वस्त्र, कणककंताणिस्वर्ण के सदृश सुन्दर - चमकीले वस्त्र, कणगखचियाणि - स्वर्ण-जटित - सोने से जड़े हुए वस्त्र, कणगचित्ताणि - कनकचित्रित - स्वर्ण से चित्रांकित वस्त्र, कणगविचित्ताणिकनकविचित्रित - सोने से विविध रूप में चित्रांकित, आभरणविचित्ताणि - विविध प्रकार के आभरणों से मण्डित वस्त्र, (पणलाणि - पटल - गले में डालने का वस्त्र, दुपट्टा)।
भावार्थ - १०. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के विचार से मृगचर्म के वस्त्र या प्रावरण, ऊन के कंबल या प्रावरण, कोयर के वस्त्र या प्रावरण तथा काले, नीले, श्याम, अतिश्याम हरिण के चर्म के वस्त्र एवं ऊँट के चर्म के वस्त्र या प्रावरण, बाघ, चीता या बन्दर के चर्म के वस्त्र, सूक्ष्म, बारीक वस्त्र, रेशम, कपास, (तिरीट नामक वृक्ष की छाल) के वस्त्र, बारीक रेशे के वस्त्र, बारीक धागों के वस्त्र, चीन देश के वस्त्र, रेशमी कीड़ों से प्राप्त रेशम से बने वस्त्र, सोने के समान सुन्दर, चमकीले, सोने से जड़े हुए, सोने से चित्रांकित, विविध रूप में चित्रांकित वस्त्र, विभिन्न प्रकार के आभरणों से मण्डित वस्त्र - इनमें से किसी को बनाता है - धारण करने योग्य रूप प्रदान करता है अथवा वैसा करते हुए का अनुमोदन करता है।
११. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के विचार से मृगचर्म के वस्त्र या प्रावरण, ऊन के कंबल या प्रावरण, कोयर के वस्त्र या प्रावरण तथा काले, नीले, श्याम, अतिश्याम हरिण के चर्म के वस्त्र, एवं ऊँट के चर्म के वस्त्र या प्रावरण, बाघ, चीता या बन्दर के चर्म के वस्त्र, सूक्ष्म, बारीक वस्त्र, रेशम, कपास के वस्त्र, बारीक रेशे के वस्त्र, (पटल - गले में डालने का वस्त्र), बारीक धागों के वस्त्र, चीन देश के वस्त्र, रेशमी कीड़ों से प्राप्त रेशम से बने वस्त्र, सोने के समान सुन्दर, चमकीले, सोने से चित्रांकित, विध रूप में चित्रांकित वस्त्र, विभिन्न प्रकार के आभरणों से मण्डित वस्त्र - इनमें से किसी को धारण करता है अथवा धारण करते हुए का अनुमोदन करता है।
१२. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के विचार से मृगचर्म के वस्त्र या प्रावरण, ऊन के कंबल या प्रावरण, कोयर के वस्त्र या प्रावरण तथा काले, नीले, श्याम, अतिश्याम हरिण
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