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आनुगामिक अवधिज्ञान
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उस समय यदि वह प्रकाश के लिए उल्का-मशाल, चटुलिका-अग्रभाग से जलती हुई घास की पूली, अलात-अग्रभाग से जलती हुई लकड़ी, प्रकाशमान मणि, प्रदीप या अग्नि को अपने हाथ में ले और अपने सामने रखकर आगे-आगे ही बढ़ता चले, तो उसे अपने मुँह के सामने की एक ही दिशा के पदार्थ दिखाई देंगे, अन्य दिशा के नहीं। इसी प्रकार पुरतः अन्तगत अवधिज्ञान से मुँह के सामने की एक ही दिशा के पुद्गल पदार्थ जाने जाते हैं, अन्य दिशा के नहीं।
विवेचन - जिस अवधिज्ञान से अवधिज्ञान का स्वामी अपने मुँह की सामने वाली एक दिशा में रहे हुए जो रूपी द्रव्य है, उन्हें ही जान सके, अन्य दिशा में रहे हुए रूपी पदार्थ न जान सके, उसे 'पुरत: अन्तगत अवधिज्ञान' कहते हैं। यह पुरतः अन्तगत है।
से किं तं मग्गओ अंतगयं? मग्गओ अंतगयं से जहाणामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जाइं वा मग्गओ काउं अणुकड्डेमाणे अणुकड्डेमाणे गच्छिज्जा, से तं मग्गओ अंतगयं।
प्रश्न - वह मार्गतः अन्तगत अवधिज्ञान क्या है?
उत्तर - जैसे किसी नाम वाला कोई पुरुष है। वह अंधकार में कहीं जा रहा है, उस समय यदि वह प्रकाश के लिए उल्का चटुलिका, अलात, मणि, प्रदीप या अग्नि को अपने हाथ में ले
और उसे पीठ के पीछे करके पीछे-पीछे खींचता हुआ चले, तो उसे अपनी पीठ की एक ही दिशा के पदार्थ दिखाई देंमे। इसी प्रकार मार्गतः अन्तगत अवधिज्ञान से पीठ के पीछे एक ही दिशा के रूपी पुद्गल पदार्थ जाने जाते हैं, अन्य दिशा के नहीं।
_ विवेचन - जिस अवधिज्ञान से अवधिज्ञानी, अपनी पीठ पीछे की एक दिशा में रहे हुए जो पुद्गल द्रव्य हैं, उन्हें ही जान सके और अन्य दिशा में रहे हुए रूपी पदार्थ नहीं जान सके, उसे 'मार्गतः अन्तगत अवधिज्ञान' कहते हैं। यह मार्गत: अन्तगत अवधिज्ञान है।
से किं तं पासओ अंतगयं? पासओ अंतगयं से जहाणामए केइ पुरिसे उक्कं वा चडुलियं वा अलायं वा मणिं वा पईवं वा जोइं वा पासओ काउं परिकलेमाणे परिकड्डेमाणे गच्छिज्जा से त्तं पासओ अंतगयं। से त्तं अंतगयं।
प्रश्न - वह पार्श्वतः अन्तगत अवधिज्ञान क्या है ?
उत्तर - जैसे किसी नामवाला कोई पुरुष है। वह अंधकार में कहीं जा रहा है। उस समय यदि वह प्रकाश के लिए उल्का, चटुलिका, अलात, मणि, प्रदीप या अग्नि को अपने हाथ में ले
और उसे दक्षिणी पार्श्व या वाम पार्श्व में रखकर साथ लेता चले तो उसे दक्षिणी पार्श्व या वाम पार्श्व की एक ही दिशा के पदार्थ दिखाई देंगे, अन्य दिशा के नहीं। इसी प्रकार पार्श्वतः अन्तगत
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