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क्रं.
विषय
१६२. पुंडरीक द्वारा व्याज - स्तुति १६३. तात्कालिक प्रभाव, पुनः पूर्ववत् १६४. श्रामण्य से वैमुख्य, राज्याभिषेक १६५. पुंडरीक प्रव्रजित
१६६. काली नामक - प्रथम अध्ययन १७०. कालीदेवी का ऐश्वर्य १७१.काली देवी का पूर्वभव वृत्तांत १७२. भ० पार्श्व का पदार्पण
१७३. काली द्वारा दर्शन, वंदन
१७४. काली द्वारा श्रामण्य स्वीकार
१७५. आर्या काली की देहासक्ति
१७६. देवी के रूप में उत्पत्ति
१६६.कंडरीक पुनः रोगाक्रांत, कालगत १६७. पुंडरीक आत्म साधना में अग्रसर १६८. जीवन यात्रा का साफल्य द्वितीय श्रुतस्कन्ध-धर्मकथा प्रथम वर्ग
१७६. रजनी नामक तृतीय अध्ययन
१८०. विज्जू नामक चतुर्थ अध्ययन १८१. मेहा नामक पंचम अध्ययन द्वितीय वर्ग
१८२. प्रथम अध्ययन
१८३. द्वितीय से पंचम अध्ययन
तृतीय वर्ग
१८४. प्रथम अध्ययन
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३०२
३२८
३३१
१७७. राई नामक द्वितीय अध्ययन १७८. भ० की सेवा में राई देवी का आगमन ३३१
३३३
३३३
३३४
पृष्ठ क्रं.
३०३
३०५ | १८६. अध्ययन दो से छह ३०६
३०७
३०८
३०६
३१३
३१६
३१६
३२०
३२०
३२५
३२६
विषय
१८५. इलादेवी का भगवान् की सेवा
में आगमन
३३५
३३७
|
१८७. अध्ययन सात से चौपन
चतुर्थ वर्ग
१८८. प्रथम अध्ययन
१८. रूपादेव
१६०. अध्ययन २-५४
पंचम वर्ग
१६१. प्रथम अध्ययन
१६२.कमलादेवी
१९३. शेष अध्ययन
छठा वर्ग
१६४. अध्ययन १-३२
१६५. प्रथम अध्ययन
१९६. शेष अध्ययन
सप्तम वर्ग
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१६७. प्रथम अध्ययन
१६८. शेष अध्ययन
आठवां वर्ग
·
१६६. प्रथम अध्ययन
२००. शेष अध्ययन
नवम वर्ग
२०१. प्रथम अध्ययन
३३८ | २०२. शेष अध्ययन
दशम वर्ग
पृष्ठ
३.३८
.३३६
३४०
३४१
३४१
३४२
३४४
३४४
३४४
३४६
३४७
३४८
३४६
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