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ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र
दारुणे पइभए णिसंसइए णिरणुकंपे अहिव्व एगंतदिहि खुरेव एगंतधाराए गिद्धव आमिस-तल्लिच्छे अग्गिमिव सव्वभक्खे जलमिव सव्वगाही. उक्कंचण-वंचणमाया-णियडि-कूडकवड-साइ-संपओगबहुले चिर-णगर विणट्ठ-दुट्ठ-सीलायारचरित्ते जूयप्पसंगी मजप्पसंगी भोजप्पसंगी मंसप्पसंगी दारुणे हिययदारए साहसिए संधिच्छेयए उवहिए विस्संभ-घाई आलीयग-तित्थभेय-लहुहत्थ-संपउत्ते परस्स दव्वहरणंमि णिच्चं अणुबद्धे तिव्ववेरे रायगिहस्स णगरस्स बहूणि अगमणाणि य णिग्गमणाणि य दाराणि य अवदाराणि य छिंडिओ य खंडीओ य णगरणिद्धमणाणि य संघटणाणि य णिव्वदृमाणि य जूव-खलयाणि य पाणागाराणि य वेसागाराणि य तहारट्ठाणाणि य तक्करट्ठाणाणि य तक्करघराणि य सिंगाडगाणि य तियाणि य चउक्काणि य चच्चराणि य णागधराणि य भूयघराणि य जक्खदेउलाणि य सभाणि य पवाणि य पणियसालाणिय सुण्णघराणि य आभोएमाणे २ मग्गमाणे गवेसमाणे बहुजणस्स छिद्देसु य विसमेसु य विहुरेसु य वसणेसु य अन्भुदएसु य उस्सवेसु य पसवेसु य तिहीसु य छणेसु य जण्णेसु य पव्वणीसु य मत्तपमत्तस्स य वक्खित्तस्स य वाउलस्स य सुहियस्स य दुहियस्स य विदेसत्थस्स य विप्पवसियस्स य मग्गं च छिदं च विरहं च अंतरं च मग्गमाणे गवेसमाणे एवं च णं विहरइ। - शब्दार्थ - तक्करे - तस्कर-चोर, पावे - पापिष्ठ-पाप कर्मकारी, चंडाल रूवे - चण्डाल के समान दिखाई देने वाला, भीमतर - भयानक, रुद्दकम्मे - क्रूर कर्म करने वाला, आरुसिय - आरुष्ट-क्रुद्ध, खर - तीक्ष्ण, फरुस - स्पर्श, महल्ल - बड़ी, दाढिए - दाढी, असंपुडिय - असंपुटित-परस्पर नहीं मिलने वाले, उट्टे - ओष्ठ-होठ, उद्धय - हवा से हिलते हुए, पइण्ण - बिखरे हुए, मुखए - सिर के बाल, णिरणुक्कोसे - निर्दय, णिरणुतावे - पश्चात्ताप रहित, दारुणे - क्रूर, पइभए - भयोत्पादक, णिसंसइए - दया रहित, णिरणुकंपेअनुकंपा रहित, अहिव्व - साँप की तरह, एगंतदिट्ठि - क्रूर कर्म में एकांत दृष्टि युक्त, आमिसतल्लिच्छे - मांस लोलुप, सव्वभक्खे - सब कुछ खा जाने वाले, सव्वगाही - सर्वग्राही, उक्कंचण - हीन गुण या मूल्य युक्त वस्तु को अधिक उत्कृष्ट बतलाने में निपुण,
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