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________________ २५६ जीवाजीवाभिगम सूत्र एसि णं भंते! चंदिमसूरियगह गणणक्खत्ततारारूवाणं कयरे कयरेहिंतो सिग्घगई वा मंदई वा ? गोयमा ! चंदेर्हितो सूरा सिग्घगई सूरेहिंतो गहा सिग्घगई गहेर्हितो णक्खत्ता सिग्घगई क्खत्तेर्हितो तारा सिग्घगई, सव्वप्पगई चंदा सव्वसिग्घगईओ तारारूवा ॥ १९९ ॥ भावार्थ - प्रश्न - हे भगवन् ! इन चन्द्र, सूर्य, ग्रह, नक्षत्र और ताराओं में कौन किससे शीघ्र गति वाले और कौन किससे मंद गति वाले हैं ? उत्तर - हे गौतम! चन्द्र से सूर्य तेज गति वाले हैं, सूर्य से ग्रह तीव्र गति वाले, ग्रह से नक्षत्र तीव्र गति वाले और नक्षत्रों से तारे शीघ्र गति वाले हैं। सबसे मंद गति चन्द्रों की है और सबसे तीव्र गति ताराओं की है । एएसि णं भंते! चंदिम जाव तारारूवाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पिड्डिया वा महिड्डिया वा ? गोयमा ! तारारूवेहिंतो णक्खत्ता महिड्डिया णक्खत्तेहिंतो गहा महिड्डिया गहिंतो सूरा महिड्डिया सूरेहिंतो चंदा महिड्डिया, सव्वप्पड्डिया तारारूवा सव्वमहिड्डिया चंदा ॥ २००॥ - भावार्थ - प्रश्न हे भगवन्! इन चन्द्र, सूर्य, ग्रह, नक्षत्र और ताराओं में कौन किससे अल्पऋद्धि वाले हैं और कौन महाऋद्धि वाले हैं ? उत्तर - हे गौतम! ताराओं से नक्षत्र महर्द्धिक- महाऋद्धि वाले हैं, नक्षत्र से ग्रह महर्द्धिक हैं, ग्रहों से सूर्य महर्द्धिक हैं और सूर्यों से चन्द्रमा महर्द्धिक हैं। सबसे अल्प ऋद्धि वाले तारे हैं और सबसे महाऋद्धिवाले चन्द्रमा हैं । जंबूदीवे णं भंते! दीवे तारारूवस्स तारारूवस्स य एस णं केवइयं अबाहाए अंतरे पण्णत्ते ? गोयमा ! दुविहे अंतरे पण्णत्ते, तंजहा- वाघाइमे य णिव्वाघाइमे य, तत्थ णं जे से वाघाइमे से जहण्णेणं दोण्णि य छावट्ठे जोयणसए उक्कोसेणं बारस जोयणसहस्साइं दोणि य बायाले जोयणसए तारारूवस्स तारारूवस्स य अबाहाए अंतरे पण्णत्ते । तत्थ णं जे से णिव्वाघाइमे से जहण्णेणं पंचधणुसयाई उक्कोसेणं दो गाउयाइं तारारूव जाव अंतरे पण्णत्ते ॥ २०१॥ 3 Jain Education International J For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004195
Book TitleJivajivabhigama Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2003
Total Pages422
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_jivajivabhigam
File Size9 MB
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