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जीवाजीवाभिगम सूत्र
मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि देविसया पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए अधुट्ठा देविसया पण्णत्ता॥
भावार्थ - हे भगवन् ! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की कितनी परिषदाएं कही गई है? ....
हे गौतम! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की तीन परिषदाएं कही गई हैं। वे इस प्रकार हैं - समिता, चण्डा और जाता। आभ्यंतर परिषद् समिता, मध्यम परिषद चण्डा और बाह्य परिषद जाता कहलाती है।
हे भगवन! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की आभ्यंतर परिषद में कितने हजार देव हैं? मध्यम परिषद् में कितने हजार देव हैं यावत् बाह्य परिषद् में कितनी देवियाँ कही गई है?
हे गौतम! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की आभ्यंतर परिषद् में बीस हजार देव हैं, मध्यम परिषद् में चौबीस हजार देव हैं और बाह्य परिषद् में अट्ठावीस हजार देव हैं। आभ्यंतर परिषद् में साढे चार सौ देवियां हैं, मध्यम परिषद् में चार सौ देवियाँ हैं और बाह्य परिषद् में साढे तीन सौ देवियाँ हैं। .
बलिस्स....ठिईए पुच्छा जाव बाहिरियाए परिसाए देवीणं केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता?
गोयमा! बलिस्स णं वइरोयणिंदस्स २ अभिंतरियाए परिसाए देवाणं अधुटुपलिओवमा ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए तिण्णि पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं अड्डाइज्जाइं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, अब्भिंतरियाए परिसाए देवीणं अड्डाइज्जाइं पलिओवमाई ठिई पण्णत्ता, मज्झिमियाए परिसाए देवीणं दो पलिओवमाइं ठिई पण्णत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवीणं दिवढे पलिओवमं ठिई पण्णत्ता, सेसं जहा चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररण्णो॥११९ ।।
भावार्थ - हे भगवन्! बलि की परिषद् के देवों की स्थिति विषयक पृच्छा यावत् बाह्य परिषद् की देवियों की कितनी स्थिति है ?
हे गौतम! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की आभ्यंतर परिषद् के देवों की स्थिति साढे तीन पल्योपम की, मध्यम परिषद् के देवों की स्थिति तीन पल्योपम की और बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति ढाई पल्योपम की है। आभ्यंतर परिषद् की देवियों की स्थिति ढाई पल्योपम की, मध्यम परिषद् की देवियों की स्थिति दो पल्योपम की और बाह्य परिषद् की देवियों की स्थिति डेढ़ पल्योपम की है। शेष सारा वर्णन असुरेन्द्र असुरकुमारराज चमर की तरह कह देना चाहिये।
विवेचन - प्रस्तुत सूत्र में उत्तरदिशा के स्वामी वैराचनेन्द्र वैरोचनराज बलि की परिषद् का वर्णन किया गया है। अब सूत्रकार नागकुमार जाति के देवों की वक्तव्यता कहते हैं -
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