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जीवाजीवाभिगम सूत्र
महासुक्के कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा जाव माहिंदे कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा सणंकुमार कप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखेजगुणा, सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेजगुणा, भवणवासिदेवपुरिसा असंखेजगुणा खहयरतिरिक्खजोणियपुरिसा असंखेजगुणा थलयर तिरिक्खजोणियपुरिसा संखेजगुणा, जलयरतिरिक्खजोणिय पुरिसा संखेजगुणा, वाणमंतरदेवपुरिसा संखेजगुणा, जोइसियदेवपुरिसा संखेजगुणा॥५६॥
भावार्थ - स्त्रियों का जिस प्रकार अल्पबहुत्व कहा है यावत् हे भगवन्! देव पुरुषों - भवमपति, वाणव्यंतर, ज्योतिषी और वैमानिकों में कौन किससे अल्प, बहुत्व, तुल्य या विशेषाधिक है?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े वैमानिक देव पुरुष, उनसे भवनपति देव पुरुष असंख्यातगुणा, उनसे वाणव्यंतर देव पुरुष असंख्यातगुणा, उनसे ज्योतिषी देव पुरुष संख्यातगुणा हैं।
प्रश्न - हे भगवन्! इन तिर्यंच योनिक पुरुषों - जलचर, स्थलचर और खेचर, मनुष्य पुरुषों - कर्मभूमिज, अकर्मभूमिज, अंतरद्वीपज, देव पुरुषों-भवनवासी, वाणव्यंतर, ज्योतिषी, वैमानिक - सौधर्म देवलोक यावत् सर्वार्थसिद्ध देव पुरुषों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ?
उत्तर - हे गौतम! सबसे थोड़े अंतरद्वीपज मनुष्य पुरुष, उनसे देवकुरु उत्तरकुरु अकर्मभूमिज मनुष्य संख्यातगुणा, उनसे हैमवत हैरण्यवत अकर्मभूमिज मनुष्य पुरुष दोनों संख्यातगुणा, उनसे भरत. ऐरवत कर्मभूमिज मनुष्य पुरुष दोनों संख्यातगुणा, उनसे पूर्व विदेह पश्चिम विदेह कर्मभूमिज मनुष्य पुरुष दोनों संख्यातगुणा, उनसे अनुत्तरौपपातिक देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे उपरिम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुणा, उनसे मध्यम ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यात गुणा, उनसे अधस्तन ग्रैवेयक देवपुरुष संख्यातगुणा, उनसे अच्युतकल्प के देवपुरुष संख्यातगुणा, उनसे यावत् आनतकल्प के देवपुरुष संख्यातगुणा, उनसे सहस्रारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे महाशुक्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणा उनसे यावत् महेन्द्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे सनत्कुमार कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे ईशान कल्प के देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे सौधर्म कल्प के देव पुरुष संख्यातगुणा, उनसे भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुणा, उनसे खेचर तिर्यंच पुरुष असंख्यातगुणा, उनसे स्थलचर तिर्यंच पुरुष संख्यातगुणा, उनसे जलचर तिर्यंच पुरुष संख्यातगुणा, उनसे वाणव्यंतर देव पुरुष संख्यातगुणा और उनसे ज्योतिषी देव पुरुष संख्यातगुणा हैं।
विवेचन - जिस प्रकार सामान्य स्त्रियों का अल्पबहुत्व कहा गया है, उसी प्रकार सामान्य पुरुषों का अल्प बहुत्व समझना चाहिये।
प्रस्तुत सूत्र में पांच अल्पबहुत्व का कथन किया गया है जो इस प्रकार है -
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