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जीवाजीवाभिगम सूत्र
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३. खेचरी - जो आकाश में चलती है, उड़ती है, वे खेचरी हैं। . .
जलचरस्त्रियों के पांच भेद हैं - १. मछली २. कच्छपी ३. मकरस्त्री ४. ग्राह स्त्री और ५. सुंसुमारी।
स्थलचर स्त्रियां दो प्रकार की कही गयी है - १. चतुष्पदस्त्रियां और २. परिसर्पिणी स्त्रियां। चतुष्पद स्त्रियाँ चार प्रकार की कही गई हैं - १. एक खुरी २. द्विखुरी ३. गण्डीपदी और ४. सनखपदी। परिसर्पिणी स्त्रियाँ दो प्रकार की होती है - १. उरपरिसर्पिणी - जो छाती के बल से चलती है और २. भुजपरिसर्पिणी - जो भुजाओं के बल से चलती है। उरपरिसर्पिणी तीन प्रकार की होती है - १. अहि स्त्री २. अजगर स्त्री और ३. महोरग स्त्री। भुजपरिसर्पिणियों के अनेक भेद होते हैं जिनके नाम भावार्थ में दिये गये हैं और जो देश से और लोक से - देश की भिन्न भिन्न भाषा और लोक के भिन्न भिन्न व्यवहार से जाने जा सकते हैं।
खेचरी के चार भेद हैं - १. चर्मपक्षिणी २. लोमपक्षिणी ३. समुद्गक पक्षिणी और ४. वितत पक्षिणी। इस प्रकार तिर्यंचयोनिक स्त्रियों का भेद प्रभेद सहित कथन किया गया है।
मनुष्य स्त्रियों के भेद से किं तं मणुस्सित्थीओ?
मणुस्सित्थीओ तिविहाओ पंण्णत्ताओ तं जहा - कम्मभूमियाओ अकम्मभूमियाओ अंतरदीवियाओ।
भावार्थ - मनुष्य स्त्रियां कितने प्रकार की कही गई हैं?
मनुष्य स्त्रियाँ तीन प्रकार की कही गई हैं। वे इस प्रकार हैं - १. कर्मभूमिज स्त्रियाँ २. अकर्मभूमिज स्त्रियाँ और ३. अन्तरद्वीपज स्त्रियाँ।
से किं तं अंतरदीवियाओ?
अंतरदीवियाओ अट्ठावीसइविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा - एगूरूइयाओ आभासियाओ जाव सुद्धदंतीओ, सेतं अंतरदीवियाओ।
भावार्थ - अन्तरद्वीपज स्त्रियां कितने प्रकार की कही गई हैं ?
अन्तरद्वीपज स्त्रियां अट्ठावीस प्रकार की कही गई हैं। वे इस प्रकार हैं - एकोरूप द्वीप की मनुष्य स्त्रियां, आभाषिक द्वीप की मनुष्य स्त्रियां यावत् शुद्धदंत द्वीप की मनुष्य स्त्रियां। यह अंतरद्वीप की मनुष्य स्त्रियों का वर्णन हुआ।
से किं तं अकम्मभूमियाओ?
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