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________________ वर्ग २ अध्ययन १ पद्मकुमार का जन्म और दीक्षा .......................................................... पढमस्स णं भंते! अज्झयणस्स कप्पवडिंसियाणं समणेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अढे पण्णते? - ___ एवं खलु जम्बू! तेणं कालेणं तेणं समएणं चम्पा णामं णयरी होत्था। पुण्णभद्दे चेइए। कूणिए राया। पउमावई देवी। तत्थ णं चम्पाए णयरीए सेणियस्स रण्णो भज्जा कूणियस्स रण्णो चुल्लमाउया काली णामं देवी होत्या, सुउमाल०। तीसे गं कालीए देवीए पुत्ते काले णाम कुमारे होत्या, सुउमाल। तस्स णं कालस्स कुमारस्स पउमावई णामं देवी होत्था, सोमाल० जाव विहरइ॥ ७॥ भावार्थ - जम्बू स्वामी ने पूछा - 'हे भगवन्! मोक्ष प्राप्त श्रमण भगवान् महावीर स्वामी द्वारा कल्पावतंसिका के दस अध्ययन कहे गये हैं तो हे भगवन्! कल्पावतंसिका के प्रथम अध्ययन का श्रमण भगवान महावीर स्वामी ने क्या भाव फरमाया है?' ___ सुधर्मा स्वामी ने फरमाया - 'हे जम्बू! उस काल और उस समय में चम्पा नामक नगरी थी। पूर्णभद्र नामक चैत्य था। वहां कोणिक नामक राजा था। उसके पद्मावती नाम की महारानी थी। उस चम्पा नगरी में श्रेणिक राजा की पत्नी, कोणिक राजा की छोटी माता काली नामक रानी थी, जो सुकुमार थी। उस काली रानी के कालकुमार नामक एक पुत्र था। उस कालकुमार की पद्मावती नामक पत्नी थी जो सुकुमार थी यावत् सर्व गुण संपन्न थी और सांसारिक सुखों का अनुभव करती हुई रह रही थी।' पद्मकुमार का जन्म और दीक्षा - तए णं सा पउमावई देवी अण्णया कयाइं तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभिंतरओ सचित्तकम्मे जाव सीहं सुमिणे पासित्ताणं पडिबुद्धा। एवं जम्मणं जहा महाबलस्स जाव णामधेनं-जम्हा णं अम्हं इमे दारए कालस्स कुमारस्स पुत्ते पउमावईए देवीए अत्तए तं होउ णं अम्हं इमस्स दारगस्स णामधेनं पउमे पउमे, सेसं जहा महाबलस्स, अट्ठओ दाओ जाव उप्पिं पासायवरगए विहरइ। सामी समोसरिए। परिसा णिग्गया। कूणिए णिग्गए। पउमेवि जहा महाबले णिग्गए तहेव अम्मापिइ आपुच्छणा जाव पव्वइए अणगारे जाए जाव गुत्तबंभयारी॥७६ ।। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004191
Book TitleNirayavalika Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages174
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, & agam_vrushnidasha
File Size17 MB
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