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________________ ९२ उववाइय सुत्त भावार्थ - अरति-अरुचि-संयम स्थानों में निरानन्द का भाव भय, विषाद, शोक और मिथ्यात्वमिथ्याभाव-कुश्रद्धा रूप पर्वतों से भवसागर व्याप्त है। अणाइ-संताण-कम्म-बंधण-किलेस-चिक्खिल-सुदुत्तारं। भावार्थ - वह भवसागर अनादि कालीन प्रवाह वाले कर्मबन्धन और क्लेश रूप कीचड़ से अति ही दुस्तर बना हुआ है। अमर-णर-तिरिय-णिरय-गइ-गमण-कुडिल-परिवत्त-विउल-वेलं। ' भावार्थ - वह देव, मनुष्य, तिर्यञ्च और नरक गति में गमन रूप कुटिल परिवर्तन-भंवर से युक्त विपुल ज्वार वाला है। चउरंत-महंत-मणवदग्गं रुदं (रुंदं) संसारसागरं। भावार्थ - चार गति रूप चार अन्त दिशा वाला महान् अनन्त और विस्तीर्ण या रौद्र संसार सागर भीमदरिसणिजं तरंति धीइ-धणिय-णिप्पकंपेण तुरिय चवलं संवर-वेरग्ग-तुंगकूवय-सुसंपउत्तेणं णाण-सित-विमल-मूसिएणं समत्त-विसुद्ध-लद्ध-णिज्जामएणं धीरा संजमपोएण सीलकलिया। भावार्थ - वे धीर और शीलवान् अनगार भयंकर दिखाई देने वाले संसार सागर को संयम रूपी जहाज से शीघ्र गति से पार कर रहे थे। वह संयमयान धैर्य रूप रस्सी के बन्धन से बिलकुल निष्कम्प बना हुआ था। संवर-हिंसादि से विरति और वैराग्य- कषायनिग्रह रूप ऊँचा कूपक-मस्तूल, स्तम्भ विशेष उस संयम पोत में सुन्दर ढंग से जुड़ा हुआ था। उस यान में ज्ञान रूप सफेद विमल वस्त्र ऊँचा किया हुआ तना हुआ-पाल था। विशुद्ध सम्यक्त्व रूप निर्यामक-कर्णधार या चालक-खिवैया प्राप्त हुआ था। पसत्थ-ज्झाण-तव-वाय-पणोल्लिय-पहाविएणं। भावार्थ - वह संयमपोत प्रशस्त ध्यान और तपरूप वायु की प्रेरणा से शीघ्रगति से चलता था। उजम-ववसाय-ग्गहिय-णिजरण-जयण-उवओग-णाण-दसण-चरित्तविसुद्ध-वय-भंड- भरिय-सारा। भावार्थ - उसमें उद्यम-अनालस्य और व्यवसाय-वस्तुनिर्णय या सद्व्यापार से गृहीत-क्रीतखरीदे हुए निर्जरा, यतना, उपयोग, ज्ञान, दर्शन, चारित्र और विशुद्ध व्रत रूप सार पदार्थ भाण्डक्रयाणक अनगारों द्वारा भरे गये थे। जिणवर-वयणोवदिट्ठ-मग्गेणं-अकुडिलेण सिद्धि-महा-पट्टणाभिमुहा समणवर-सत्थवाहा। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004190
Book TitleUvavaiya Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages222
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aupapatik
File Size23 MB
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