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स्थान ५ उद्देशक १ 000000000000000000000000000000000000000000000000000 २५ पारणा होते हैं। इसकी स्थापना के उपाय की गाथा इस प्रकार है -
एगाई पंचते ठविउं मझं तु आइमणुपंति। उचियकमेण य सेसे, जाण लहुँ सव्वओ भई॥ ३ | ४ इसका स्थापना यंत्र इस प्रकार है। क्षुल्लिका सर्वतोभद्रा, तप दिन ७५, पारणे दिन २५
महती सर्वतोभद्रा प्रतिमा चतुर्थ भक्त (उपवास) से सोलह भक्त (सात) पर्यंत १९६ तप दिवस परिमाण होती है ।४ | ५ | १ | २ | ३ | जिसमें पारणे के दिन ४९ होते हैं। इसका स्थापना यंत्र व गाथा इस प्रकार है -
___एगाई सत्तंते, ठविउं मझंच आदिमणुपंति। .... उचियकमेण य सेसे, जाण महं सव्वओभई॥
|३| ४ | ५ | ६ | ७ | १ | २ |
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महती सर्वतोभद्रा प्रतिमा तप दिन १९६, पारणे दिन ४९। .
भद्रोत्तरा प्रतिमा दो प्रकार की है - १. छोटी और २. मोटी। उसमें पहली द्वादशभक्त (पांच उपवास) से बीसभक्त (नौ उपवास) पर्यन्त १७५ दिवस परिमाण तप से होती है तथा पारणे के पच्चीस दिन होते हैं। इसकी स्थापना की गाथा इस प्रकार है - .. पंचाई य नवंते, ठविउं मझं तु आदिमणुपति।
उचियकमेण य सेसे, जाणह भहोत्तरं खुटुं॥
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८.९५ ६ ७ ।
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