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स्थान ५ उद्देशक ३
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- अचेलक, उत्कट और समितियाँ । पंचहिं ठाणेहिं अचेलए पसत्ये भवइ तंजहा - अप्पा पडिलेहा, लाघविए पसत्ये, रूवे वेसासिए, तवे अणुण्णाए, विउले इंदियणिग्गहे । पंच उक्कल्ला पण्णत्ता तंजहा - दंडुक्कले रज्जुक्कले तणुक्कले देसुक्कले सव्वुक्कले । पंच समिईओ पण्णत्ताओं तंजहा - इरियासमिई, भाषासमिई, एसणासमिई, आयाणभंडमत्तणिक्खेवणासमिई उच्चारपासवणखेल-सिंघाणजल्लपरिठावणियासमिई॥३५॥
कठिन शब्दार्थ - अचेलए - अचेलक-वस्त्र रहित जिनकल्पी अथवा अल्पमूल्य के परिमाणोपेत वस्त्र रखने वाला, पसत्थे - प्रशस्त, अप्पा - अल्प, पडिलेहा - प्रतिलेखना, लाघविए - लाघवहल्का, णेसासिए - विश्वसनीय, अणुण्णाए - अनुज्ञा, इंदियणिग्गहे - इन्द्रिय निग्रह, उक्कला - उत्कट, दंडुक्कले - दण्ड उत्कट, तेणुक्कले - चोरों की अपेक्षा उत्कट ।।
भावार्थ - अचेलक यानी वस्त्ररहित जिन कल्पी अथवा अल्प मूल्य वाले परिमाणोपेत वस्त्र रखने वाला स्थविरकल्पी साधु पांच कारणों से प्रशस्त होता है यथा - प्रतिलेखना अल्प होती है, द्रव्य
और भाव दोनों से वह हल्का होता है । निर्ममत्व होने से वह सब के लिए विश्वसनीय होता है । शीतादि परीषहों को सहने से तप होता है और महान् इन्द्रिय निग्रह होता है । पांच उत्कट कहे गये हैं यथा - सेना की अपेक्षा उत्कट, राज्य की अपेक्षा उत्कट, चोरों की अपेक्षा उत्कट और पूर्वोक्त चारों की अपेक्षा उत्कट.। पांच समितियाँ कही गई है यथा - ईर्या समिति - सामने युगपरिमाण (चार हाथ) भूमि को देखते हुए यतना पूर्वक चलना । भाषासमिति - आवश्यकता होने पर भाषा के दोषों को टाल कर सत्य, हित, मित और असंदिग्ध वचन बोलना । एषणा समिति - ग्रहणषणा, गवेषणैषणा और ग्रासैषणा सम्बन्धी दोषों को टाल कर आहार आदि ग्रहण करना और भोगना । आदान भंडमात्रनिक्षेपणा समिति - आसन, पाट, पाटला, वस्त्र पात्र आदि को रजोहरण से पूंज कर यतना पूर्वक लेना और रखना। उच्चार प्रस्रवण खेल सिंघाण जल्ल परिस्थापनिका समिति - लघुनीत, बड़ीनीत, थूक, कफ, नासिका-मल और मैल आदि को निर्जीव स्थण्डिल में यतना पूर्वक परिठवना उच्चारप्रस्रवण खेल सिंघाण जल्ल परिस्थापनिका समिति है ।
विवेचन - समिति - प्रशस्त एकाग्र परिणाम पूर्वक शास्त्रोक्त विधि अनुसार की जाने वाली सम्यक् प्रवृत्ति समिति कहलाती है । अथवा प्राणातिपात से निवृत होने के लिए यतना पूर्वक मन, वचन, काया की प्रवृत्ति को समिति कहते हैं। ___समिति पांच हैं - १. ईया समिति २. भाषा समिति ३. एषणा समिति ४. आदान भंड मात्र निक्षेपणा समिति ५. उच्चार प्रस्रवण खेल सिंघाण जल परिस्थापनिका समिति।
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