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श्री स्थानांग सूत्र
छप्पन अन्तरद्वीपों के नाम - ईशाण कोण आग्नेय कोण नैऋत्य कोण वायव्यकोण - १. एकोरुक आभासिक वैषाणिक नाङ्गोलिक २. हयकर्ण गजकर्ण गोकर्ण
शष्कुलीकर्ण ३. आदर्शमुख मेण्ढमुख
अयोमुख .
गोमुख ४. अश्वमुख .. हस्तिमुख सिंहमुख व्याघ्रमुख . ५. अश्वकर्ण हरिकर्ण अकर्ण कर्णप्रावरण ६. उल्कामुख मेघमुख विद्युन्मुख विद्युतदन्त ७. घनदन्त लष्टदन्त . गूढदन्त 'शुद्धदन्त
चुल्लहिमवान् पर्वत की तरह ही शिखरी पर्वत की चारों विदिशाओं में उपरोक्त नाम वाले सातसात अन्तर द्वीप हैं। इस प्रकार दोनों पर्वतों की चारों विदिशाओं में छप्पन अन्तरद्वीप हैं। इन अंतरद्वीपों में अंतरद्वीप के नाम वाले ही युगलिक मनुष्य रहते हैं।
पाताल कलश आवास पर्वत जंबूहीक्स्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयाओ चउहिसिं लवणसमुहं पंचाणउइं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं महतिमहालया महालंजरसंठाण संठिया चत्तारि महापायाला पण्णत्ता तंजहा - वलयामुहे, केउए, जूवए, ईसरे । एत्थ णं चत्तारि देवा महिडिया जाव पलिओवमद्विइया परिवसंति तंजहा - काले, महाकाले, वेलंबे, पभंजणे । जंबूहीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयाओ चउहिसिं लवणसमुहं बायालीसं बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं चउण्हं वेलंधरणागराईणं चत्तारि आवासपव्वया पण्णत्ता तंजहा - गोधूमे, उदयभासे, संखे, दगसीमे । तत्थ णं चत्तारि देवा महिड्डिया जाव पलिओवमद्विइया परिवसंति तंजहा - गोथूमे, सिवए, संखे, मणोसिलए । जंबूहीवस्स णं दीवस्स बाहिरिल्लाओ वेइयाओ चउसु विदिसासु लवणसमुहं बायालीसं बायालीसं जोयणसहस्साइं ओगाहित्ता एत्थ णं चउण्हं अणुवेलंधरणागराईणं चत्तारि आवासपव्वया पण्णत्ता तंजहा - कक्कोडए, विजुप्पभे, केलासे, अरुणप्पभे । एत्थणं चत्तारि देवा महिंड्डिया जाव पलिओवमट्ठिइया परिवसंति तंजहा- कक्कोडए, कहमए, केलासे, अरुणप्पभे ।
लवणे णं समुद्दे णं चत्तारि चंदा पभासिंसु वा पभासंति वा पभासिस्संति वा ।
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