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स्थान ४ उद्देशक २
३२१ 000000000000000000000000000000000000000000000000000 यानी मण्डलाकार ऊंची उठी हुई वायु कही गई है। यथा - कोई वायु वाम यानी बाईं तरफ और वाम आवर्त वाली, कोई वायु वाम किन्तु दक्षिण आवर्त वाली, कोई वायु दक्षिण तरफ किन्तु वाम आवर्त वाली कोई वायु दक्षिण तरफ और दक्षिण आवर्त वाली। इसी तरह चार प्रकार की स्त्रियाँ कही गई हैं । यथा-कोई स्त्री वाम यानी चञ्चल स्वभाव वाली और वामावर्त यानी विपरीत प्रवृत्ति करने वाली, कोई स्त्री चञ्चल स्वभाव वाली किन्तु अनुकूल प्रवृत्ति करने वाली, कोई स्त्री गम्भीर स्वभाव वाली किन्तु विपरीत प्रवृत्ति करने वाली, कोई स्त्री गम्भीर स्वभाव वाली और अनुकूल प्रवृत्ति करने वाली होती है।
चार प्रकार के वनखण्ड कहे गये हैं । यथा - कोई एक वनखण्ड वाम यानी बाई तरफ होता है और वाम आवर्त वाला होता है, कोई वनखण्ड वाम किन्तु दक्षिणावर्त वाला, कोई वनखण्ड दक्षिण तरफ़ किन्तु वाम आवर्त वाला कोई एक वनखण्ड दक्षिण तरफ और दक्षिणावर्त होता है । इसी तरह चार प्रकार के पुरुष कहे गये हैं । यथा - कोई एक पुरुष वाम यानी विपरीत स्वभाव वाला और वामावर्त यानी विपरीत प्रवृत्ति करने वाला, कोई एक पुरुष विपरीत स्वभाव वाला किन्तु अनुकूल प्रवृत्ति करने वाला, कोई एक पुरुष अनुकूल स्वभाव वाला किन्तु विपरीत प्रवृत्ति करने वाला, कोई एक पुरुष । अनुकूल स्वभाव वाला और अनुकूल प्रवृत्ति करने वाला होता है ।
आपवादिक विधान .. चउहिं ठाणेहिं णिग्गंथे णिग्गंथिं आलवमाणे वा संलवमाणे वा णाइक्कमइ तंजहा - पंथं पुच्छमाणे वा, पंथं देसमाणे वा, असणं वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा दलेमाणे वा, दलावेमाणे वा।
तमस्काय तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेजा पण्णत्ता तंजहा - तमे इ वा, तमुक्काए इ वा, अंधकारे इ वा, महंधकारे इ वा । तमुक्कायस्स णं चत्तारि णामधेजा पण्णत्ता तंजहा - लोगंधयारे इ वा, लोगतमसे इ वा, देवंधयारे इ वा देवतमसे इ वा । तमुक्कायस्स णं चत्तारि, णामधेज्जा पण्णत्ता तंजहा - वायफलिहे इ वा, वायफलिहखोभेइ वा, देवरणे इ वा, देववूहे इ वा । तमुक्काएणं चत्तारि कप्पे आवरित्ता चिट्ठइ तंजहा - सोहम्म ईसाणं सणंकुमारमाहिदं॥१५३॥
- कठिन शब्दार्थ - णिग्गंथिं - साध्वी को, आलवमाणे वा संलवमाणे वा - आलाप संलापबातचीत करता हुआ, अइक्कमइ - उल्लंघन करता है, पंथं - पंथ-मार्ग को, पुच्छमाणे - पूछता हुआ, देसमाणे - बतलाता हुआ, दलेमाणे - देता हुआ, दलावेमाणे - दिलवाता हुआ, तमुक्कायस्स - तमस्काय के, लोगंधयारे - लोकान्धकार, लोग तमसे - लोक तम, देवंधयारे - देवान्धकार, देवतमसे
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