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उपक्रम के भेद
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मल्ल - कुश्ती करने वाले पहलवान। मौष्टिक - मुष्टि प्रहार का प्रदर्शन करने वाले। वेलंबक - मसखरे - हंसी-मजाक द्वारा मनोरंजन करने वाले। कथक - कथाएँ या कहानियाँ कहने वाले। प्लवक - तैराक-जल में विविध क्रीड़ाएँ दिखाने में निपुण। लासक - नारी सुलभ कोमल श्रृंगारिक नृत्य करने वाले। आख्यायक - भविष्य का कथन करने वाले। लंख - बांस आदि पर चढ़ कर करतब दिखाने वाले। मंख - चित्रपट लिए घूमने वाले भिक्षुक। तूणिक - सारंगी, सितार, तंबूरा आदि तंतुवाद्य बजाने वाले। तुंबवीणिक - तूंबे की वीणा : पूंगी बजाने वाले। कावड़िक - कावड़ लेकर घूमने वाले। मागध - मंगलपाठ करने वाले।
(६४) . से किं तं चउप्पयाणं उवक्कमे?
चउप्पयाणं उवक्कमे चउप्पयाणं - आसाणं, इत्थीणं, इच्चाइ। सेत्तं चउप्पयाणं उवक्कमे।
शब्दार्थ - चउप्पयाणं - चतुष्पदों-चौपायों का, आसाणं - अश्वों के, हत्थीणं - हाथियों के, इच्चाइ - इत्यादि।
भावार्थ - चतुष्पद उपक्रम किस प्रकार का है?
चतुष्पद उपक्रम अश्वों, हाथियों इत्यादि के रूप में अनेकविध है। यह चतुष्पद उपक्रम का निरूपण है।
से किं तं अपयाणं उवक्कमे?
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