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________________ उपक्रम के भेद उवक्कमे छविहे पण्णत्ते। तंजहा - णामोवक्कमे १ ठवणोवक्कमे २ दव्योवक्कमे ३ खेत्तोवक्कमे ४ कालोवक्कमे ५ भावोवक्कमे ६। भावार्थ - उपक्रम किस प्रकार का है? उपक्रम छह प्रकार का प्रज्ञापित, वर्णित हुआ है, जैसे - नामोपक्रम, स्थापनोपक्रम, द्रव्योपक्रम, क्षेत्रोपक्रम, कालोपक्रम एवं भावोपक्रम। १-२. नाम एवं स्थापना उपक्रम . णामठवणाओ गयाओ। .शब्दार्थ - गयाओ - गत - पूर्वनिरूपित। . भावार्थ - नाम उपक्रम एवं स्थापना उपक्रम का विश्लेषण पूर्ववर्णित नामावश्यक एवं स्थापनावश्यक में अन्तर्गर्भित है। ३. द्रव्योपक्रम से किं तं दव्वोवक्कमे? दव्योवक्कमे दुविहे पण्णत्ते। तंजहा - आगमओ य १ णोआगमओ य २ जाव सेत्तं भवियसरीरदव्वोवक्कमे। से किं तं जाणगसरीर-भवियसरीरवइरित्ते दव्वोवक्कमे? . जाणगसरीरभवियसरीरवइरित्ते दव्वोवक्कमे तिविहे पण्णत्ते। तंजहा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए । शब्दार्थ - दुविहे - द्विविध-दो प्रकार का, जहा - यथा-जैसे, य - च - और। भावार्थ - द्रव्योपक्रम क्या है, किस प्रकार का है? द्रव्योपक्रम आगमतः एवं नोआगमतः के रूप में दो प्रकार का बतलाया गया है यावत् यह भव्यशरीर द्रव्योपक्रम का स्वरूप है। ज्ञशरीर-भव्यशरीर-व्यतिरिक्त-द्रव्योपक्रम का क्या स्वरूप है? ज्ञशरीर-भव्यशरीर-व्यतिरिक्त-द्रव्योपक्रम तीन प्रकार का है - सचित्त, अचित्त और मिश्र। विवेचन. - द्रव्योपक्रम के संदर्भ में यह ज्ञातव्य है - आपेक्षिक दृष्टि से उपक्रम की Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004183
Book TitleAnuyogdwar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2005
Total Pages534
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_anuyogdwar
File Size9 MB
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