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अनुयोगद्वार सूत्र
यह जघन्य संख्यात, उत्कृष्ट संख्यात और अजघन्य - अनुत्कृष्ट ( मध्यम ) संख्यात के रूप में तीन प्रकार का प्रतिपादित किया गया है।
असंख्यात के भेद
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से किं तं असंखेज्जए?
असंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा - परित्तासंखेजए १ जुत्तासंखेज्जए २
असंखेज्जासंखेज्जए ३ |
भावार्थ - असंख्यात कितने प्रकार का होता है? असंख्यात तीन प्रकार का प्रतिपादित है हुआ असंख्यातासंख्यात ।
किं तं परित्तासंखेज्जए ?
परित्तासंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते ।
तंजहा - जहण्णए १ उक्कोसेए २ अजहण्णमणुक्कोसए ३ ।
भावार्थ - परितासंख्यात कितने प्रकार का परिज्ञापित हुआ है ?
यह १. जघन्य परितासंख्यात २. उत्कृष्ट परितासंख्यात और ३. अजघन्य - अनुत्कृष्ट
(मध्यम) परितासंख्यात के रूप में तीन प्रकार का बतलाया गया है।
से किं तं जुत्तासंखेज्जए?
जुत्तासंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते ।
तंजा - जहण्णए १ उक्कोसए २ अजहण्णमणुक्कोसए ३ ।
भावार्थ - युक्तासंख्यात कियत् प्रकार का प्रतिपादित हुआ है ?
युक्तासंख्यात तीन प्रकार का बतलाया गया है १. जघन्य युक्तासंख्यात २. उत्कृष्ट
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१. परितासंख्यात २. युक्तासंख्या और
युक्तासंख्यात और ३. अजघन्यानुत्कृष्ट ( मध्यम ) युक्तासंख्यात ।
से किं तं असंखेज्जासंखेज्जए ?
असंखेज्जासंखेज्जए तिविहे पण्णत्ते । तंजहा अजहण्णमणुक्कोसए ३ |
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जहणए १ उक्कोसए २
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