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दसनाम - द्रव्य संयोग निष्पन्न नाम
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दव्वसंजोगे तिविहे पण्णत्ते। जहा - सचित्ते १ अचित्ते २ मीसए ३। भावार्थ - द्रव्य संयोग कितने प्रकार का है? द्रव्यसंयोग तीन प्रकार का बतलाया गया है, जो इस प्रकार है - १. सचित्त २. अचित्त तथा ३. मिश्र। से किं तं सचित्ते?
सचित्ते-गोहिं गोमिए, महिसीहिं महिसए, ऊरणीहिं उरणीए, उट्टीहिं उट्टीवाले। सेत्तं सचित्ते।
शब्दार्थ - गोहिं - गायों के, गोमिए - गौमान्, महिसीहिं - महिषियों के-भैंसों के, महिसिए - महिषीवान्, ऊरणीहिं - भेड़ों के, उरणिए - भेड़ों वाला, उट्टीहिं - उष्ट्रियों केऊंटनियों के, उट्टीवाले - उष्ट्रीपाल।
भावार्थ - सचित्त संयोग का क्या स्वरूप है?
सचित्त संयोग इस प्रकार हैं - गायों के संयोग से गोमान्, महिषियों के संयोग से महिषीमान्, भेड़ों के संयोग से भेड़ों वाला तथा ऊँटनियों के संयोग से उष्ट्रीपाल - ये सचित्त संयोग के उदाहरण हैं।
विवेचन - इस सूत्र में जो संयोग निष्पन्न नाम के उदाहरण दिए गए हैं, उनका संबंध स्वामित्व-विषयक संयोग से हैं।
___ 'गावो यस्य सन्ति, स गोमान् गोवान् वा' - जिसके गायें होती हैं, जो गायें रखता है, गायों का मालिक है, उसे गोमान् कहा जाता है। महिषीमान् आदि उदाहरण इसी प्रकार के हैं। जो ऊँटनियों का पालन करता है, ऊँटनियाँ रखता है, वह उष्ट्रीपाल कहा जाता है।
संयोगनिष्पन्न नाम में व्यक्ति का नाम संबंधित सचित्त, चेतनावान् पदार्थों या प्राणियों के नाम के आधार पर होता है।
से किं तं अचित्ते?
अचित्ते-छत्तेणं छत्ती, दंडेणं दंडी, पडेणं पडी, घडेणं घडी, कडेणं कडी। सेत्तं अचित्ते।
- शब्दार्थ - छत्तेणं - छत्र - छाते द्वारा, छत्ती - छत्रवान्, दंडेणं - दण्ड द्वारा, दंडी - दण्डवान्, पडेणं - पट-वस्त्र द्वारा, पडी - पटी-पटवान्, घडेणं - घट या घड़े द्वारा, घडी - घटी या घटवान्, कडेणं - कट (चटाई) द्वारा, कडी - कटी या कटवान् ।
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