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दसनाम - नोगौण नाम
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यौगिक वे होते हैं, जिनका अर्थ उन शब्दों की व्युत्पत्ति के अनुसार लगता है। यहाँ वर्णित गौण नाम यौगिक श्रेणी में आते हैं। ये उन्हीं अर्थों को ज्ञापित करते हैं, जो तद्गत धातु में सन्निहित हैं।
२. नोगौण नाम से किं तं णोगोण्णे?
अकुंतो सकुंतो, अमुग्गो समुग्गो, अमुद्दो समुद्दो, अलालं पलालं, अकुलिया सकुलिया, णो पलं असइ त्ति पलासो, अमाइवाहए माइवाहए, अबीयवावए बीयवावए, णो इंदगोवए इंदगोवे। सेत्तं णोगोण्णे। . भावार्थ - नोगौण नाम का क्या स्वरूप है?
(जो गुणनिष्पन्न या व्युत्पत्तिप्रसूत अर्थ प्रकट नहीं करता, वह अगौण नाम है।)
कुन्त - इस शब्द का अर्थ भाला है। अकुन्त का अर्थ भाले से रहित है। 'सकुन्त' का अर्थ भाला सहित है। पक्षी कुन्त रहित होते हुए भी सकुन्त कहा जाता है। यह व्युत्पत्ति के विपरीत अर्थ है क्योंकि जिसके पास कुन्त या भाला हो, उसे ही सकुन्त कहा जाना चाहिए।
मुद्ग (मुग्ग) - मुद्ग का अर्थ मूंग है। अमुद्ग (अमुग्ग) का अर्थ मूंग रहित जबकि समुद्ग (समुग्ग) का अर्थ |ग सहित है। जवाहिरात डालने की डिबिया को समुद्ग कहा जाता है। यहाँ समुद्ग का व्युत्पत्तिलभ्य अर्थ फलित नहीं होता।
मुद्रा (मुद्दा) - मुद्रा का तात्पर्य अंगूठी से है। अमुद्र का अर्थ अंगूठी रहित एवं 'समुद्र' का अर्थ अंगूठी सहित है। फिर भी सागर को समुद्र कहा जाता है।
लाल - 'लाल' का अर्थ मुख की 'लार' है। ‘अलाल' का अर्थ लार रहित है। ‘पलाल' का अर्थ प्रचुर लार युक्त है। फिर भी एक घास विशेष को ‘पलाल' कहा जाता है, जिसमें 'लाल' का किचिंमात्र भी सदभाव नहीं है।
कुलिका (कुलिया) - 'कुलिका' का अर्थ भित्ति या दीवार है। ‘अकुलिका' दीवार रहित है। 'सकुलिका' दीवार सहित का बोधक है। फिर भी पक्षिणी' की 'सकुलिका' संज्ञा है।
पल - ‘पल' का अर्थ 'मांस' है। ‘पलं अश्नात्तीति पलाशः' - जो मांस भक्षण करता है, उसे पलाश कहा जाता है किन्तु पलाश वृक्ष विशेष की संज्ञा है, जहाँ मांसाशन (मांसभक्षण) रूप गुण घटित नहीं होता।
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