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________________ २४२ . समवायांग सूत्र को एक प्राण कहते हैं। सात प्राण का एक स्तोक होता है और सात स्तोक का एक लव होता है। ७७ लव का एक मुहूर्त होता है। १. समय - काल के अत्यन्त सूक्ष्म भाग को समय कहते हैं। । २. आवलिका - असंख्यात समय की एक आवलिका होती है। ३. उच्छ्वास - संख्यात आवलिका का एक उच्छ्वास होता है। ४. निःश्वास - संख्यात आवलिका का एक निःश्वास होता है। ५. प्राण - एक उच्छ्वास और एक निःश्वास दोनों को मिला कर एक प्राण होता है। ६. स्तोक - सात प्राण का एक स्तोक होता है। . ७. लव - सात स्तोक का एक लव होता है। ८. मुहूर्त - ७७ लव का एक मुहूर्त होता है। प्रश्न - ७७ लव में प्राण कितने होते हैं ? उत्तर - ७७ लव में ३७७३ प्राण होते हैं। प्रश्न - मुहूर्त कितने मिनिट का होता है ? .. उत्तर - ४८ मिनिट का एक मुहूर्त होता है। प्रश्न - एक मुहूर्त में कितनी आवलिका होती हैं। उत्तर - एक मुहूर्त में १६७७७२१६ आवलिकाएँ होती है। जैसा कि कहा है - तीन साता दो आगला आगल पाछल सोल। इतनी आवलिका मिलाय कर, एक मुहूर्त लो बोल॥ अठहत्तरवां समवाय सक्कस्स णं देविंदस्स देवरण्णो वेसमणे महाराया अट्ठहत्तरीए सुवण्णकुमारदीवकुमारा वाससयसहस्साणं आहेवच्चं पोरेवच्चं सामित्तं भट्टित्तं महारायत्तं आणाईसर सेणावच्चं करेमाणे पालेमाणे विहरइ। थेरे णं अकंपिए अट्ठहत्तर वासाइं सव्वाउयं पालइत्ता सिद्धे बुद्धे जाव सव्वदुक्खप्पहीणे। उत्तरायण णियट्टे णं सूरिए पढमाओ मंडलाओ एगूणचत्तालीसइमे मंडले अट्ठहत्तर एगसट्ठिभाए दिवस खेत्तस्स णिवुड्ढेत्ता रयणि खेत्तस्स अभिणिवुड्वेत्ता णं चार चरइ। एवं दक्षिणायण णियडे वि ॥७८ ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004182
Book TitleSamvayang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages458
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size10 MB
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