________________
उत्तराध्ययन सूत्र - बाईसवाँ अध्ययन
कठिन शब्दार्थ
सव्वोसहीहिं - सभी औषधियों के जल से, ण्हविओ - स्नान कराया गया, कयकोउयमंगलो - कृत कौतुक मंगल कौतुक और मंगल किया गया, दिव्वजुयल परिहिओदिव्य वस्त्र युगल पहनाया, आभरणेहिं आभूषणों से, विभूसिओ सुशोभित किया ।
भावार्थ उग्रसेन राजा के वचन को स्वीकार करने पर विवाह निश्चित हो गया। अरिष्टनेमि कुमार को जया, विजया आदि सभी औषधियों से मिश्रित जल द्वारा स्नान कराया गया, कौतुक - मंगल किये गये, दिव्य वस्त्र-युगल पहनाया गया और आभूषणों से विभूषित किया गया । अरिष्टनेमि की बारात
१८
मत्तं च गंधहत्थिं च, वासुदेवस्स जेट्ठगं ।
आरूढो सोहए अहियं, सिरे चूडामणी जहा ॥१०॥
कठिन शब्दार्थ - मत्तं - मदोन्मत्त, गंधहत्थिं - गन्ध हस्ती पर, वासुदेवस्स - वासुदेव (श्रीकृष्ण) के, जेट्ठगं - ज्येष्ठ, आरूढो अत्यधिक, सिरे- शिर पर, चूडामणी
आरूढ हुए, सोह
सुशोभित, अ
चूड़ामणि ( मुकुट ) ।
भावार्थ - जिस प्रकार शिर पर चूड़ामणि शोभित होती है, उसी प्रकार कृष्ण वासुदेव के मदोन्मत्त ज्येष्ठ सब से प्रधान एवं बड़े गन्ध हस्ती पर चढ़े हुए अरिष्टनेमि कुमार अत्यधिक शोभित होने लगे।
·
अह ऊसिएण छत्तेण, चामराहि य सोहिओ । दसारचक्केण य सो, सव्वओ परिवारिए ॥११॥ कठिन शब्दार्थ - ऊसिएण - ऊंचे, छत्तेण छत्र से, चामराहि - चंवर, सोहिओ शोभित, दसारचक्केण - दर्शाह चक्र से, सव्वओ - चारों ओर से, परिवारिए - घिरे हुए । भावार्थ - इसके पश्चात् शिर पर किये जाने वाले छत्र और दोनों ओर ढुलाये जाने वाले चँवर और दशार्हचक्र से (समुद्रविजय आदि दस यादवों के परिवार से) चारों ओर से घिरे वे नेमकुमार अत्यधिक शोभित होने लगे ।
हुए
Jain Education International
-
चउरंगिणीए सेणाए, रइयाए जहक्क ।
तुरियाण सण्णिणाएण, दिव्वेण गगणं फुसे ॥ १२ ॥
कठिन शब्दार्थ - चउरंगिणीए - चतुरंगिणी, सेणाए - सेना से, रइयाए
For Personal & Private Use Only
-
रचित -
www.jainelibrary.org