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________________ जीवाजीव विभक्ति - देवों का वर्णन ३६६ 0000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 देवों का वर्णन देवा चउव्विहा वुत्ता, ते मे कित्तयओ सुण। भोमिज वाणमंतर, जोइस वेमाणिया तहा॥२०७॥ कठिन शब्दार्थ - भोमिज्ज - भौमेयक-भवनपति, वाणमंतर - वाणव्यंतर, जोइस - ज्योतिषी, वेमाणिया - वैमानिक। भावार्थ - देव चार प्रकार के कहे गये हैं, यथा - भौमेयक - भवनपति, वाणव्यंतर ज्योतिषी और वैमानिक। अब मैं उन देवों के भेदों का वर्णन करता हूँ सो सावधान होकर सुनो। विवेचन - देव चार प्रकार के कहे गये हैं - १. भवनपति - जो प्रायः भवनों में रहते हैं, वे भवनपति (भवनवासी) अथवा भौमेय कहलाते हैं। इनमें से केवल असुरकुमार विशेषतया भवनों में रहते हैं, शेष नागकुमार आदि नौ प्रकार के देव आवासों में रहते हैं। इनका निवास स्थान अधोलोक में है। ... २, वाणव्यंतर - ये प्रायः वनों में, गुफाओं में, वृक्षों के विवरों में या प्राकृतिक सौन्दर्य वाले स्थानों में रहते हैं। ये तीनों लोकों में अपनी इच्छानुसार भ्रमण करते हुए पूर्वोक्त यथेष्ट स्थानों में निवास करते हैं, इसलिए वाणव्यंतर कहलाते हैं। ३. ज्योतिषी - जो देव तिर्यक् लोक को अपनी ज्योति से प्रकाशित करते हैं, वे ज्योतिषी देव कहलाते हैं। इनके विमान निरन्तर मेरु पर्वत की प्रदक्षिणा करते हैं। ये अढ़ाई द्वीप में गतिशील और अढ़ाई द्वीप के बाहर स्थिर हैं। - ४. वैमानिक - जो विशेष रूप से माननीय है और किये हुए शुभ कर्मों का फल विमानों में उत्पन्न होकर यथेच्छ भोगते हैं और विमानों में ही निवास करते हैं, वे वैमानिक देव कहलाते हैं। दसहा उ भवणवासी, अट्ठहा वणचारिणो। पंचविहा जोइसिया, दुविहा वेमाणिया तहा॥२०॥ कठिन शब्दार्थ - दसहा - दस प्रकार के, अट्टहा - आठ प्रकार के, वणचारिणो - वनचारी-वाणव्यंतर । भावार्थ - भवनवासी (भवनपति) दस प्रकार के, वाणव्यंतर आठ प्रकार के, ज्योतिषी पांच प्रकार के और वैमानिक दो प्रकार के कहे गये हैं। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.004181
Book TitleUttaradhyayan Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size8 MB
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