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________________ जीवाजीव विभक्ति उदार सकाय का स्वरूप कठिन शब्दार्थ किमिणो - कृमि, सोमंगला - सुमंगल, अलसिया, मातृ-वाहक, वासीमुहा - वासीमुख, सिप्पीया सीप, संखा - शंख, शंखनक, पल्लोया अणुल्लया अनुल्लक, वराडगा पल्लक, वराटक ( कौड़ी), जलूगा - जलौका - जोंक, जालगा जालक, चंदणा - चंदनक । भावार्थ - कृमि (विष्ठादि में उत्पन्न होने वाले कीड़े), सुमंगल, अलसिया (वर्षा के समय उत्पन्न होने वाला जीव ), मातृवाहक (काष्ठादि में लगने वाला घुन), वासीमुख, सीप, शंख, शंखानक (शंख के आकार के छोटे जीव), पल्लक, अनुल्लक, वराटक (कौड़ी), जोंक, जालक और चंदनिया । इस प्रकार और भी द्वीन्द्रिय जीव अनेक प्रकार के हैं, वे सभी लोक के एक देश में कहे गये हैं, किन्तु सर्वत्र व्याप्त नहीं है। विवेचन उपरोक्त बेइन्द्रिय जीवों में जो नाम बताये हैं उनमें कितनेक प्रसिद्ध हैं और कितनेक अप्रसिद्ध हैं । संतई पप्पणाइया, अपज्जवसिया विय। ठिइं पडुच्च साइया, सपज्जवसिया वि य ॥१३२॥ भावार्थ - द्वीन्द्रिय जीव, संतति की अपेक्षा अनादि और अपर्यवसित अनन्त हैं और स्थिति की अपेक्षा सादि और सपर्यवसित - सान्त हैं । वासाई बारसा चेव, उक्कोसेण वियाहिया । बेइंदिय - आउठिई, अंतोमुहुत्तं जहण्णिया ॥१३३॥ कठिन शब्दार्थ - वासाई वर्ष, बारा माइवाहया संखणगा - - - Jain Education International - - - - संखिज्जकालमुक्कोसा, अंतोमुहुत्तं जहण्णिया। बेइंदिय कायठिई, तं कायं तु अमुंचओ ॥ १३४॥ कठिन शब्दार्थ- संखिज्जकालं - जीवों की आयु-स्थिति । भावार्थ - द्वीन्द्रिय जीवों की उत्कृष्ट आयु स्थिति (भवस्थिति) बारह वर्ष है और जघन्य अन्तर्मुहूर्त है। संख्यातकाल की, उक्कोसा - बारह, बेइंदिय आऊठिई - बेइन्द्रिय - For Personal & Private Use Only ३८ १ 0000 उत्कृष्ट, कायठिई कार्यस्थिति, अमुंचओ - न छोड़ने वाले। भावार्थ - उस काय को न छोड़ने वाले अर्थात् द्वीन्द्रिय जीव यदि द्वीन्द्रिय जाति में ही जन्म-मरण करते रहे तो उन द्वीन्द्रिय जीवों की काय स्थिति, जघन्य अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्ट संख्यात काल है। 1 www.jainelibrary.org
SR No.004181
Book TitleUttaradhyayan Sutra Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_uttaradhyayan
File Size8 MB
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