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द्वितीय वक्षस्कार - भरतक्षेत्र में कालानुवर्तन
गाथाएँ - हृष्ट-पुष्ट, अग्लान-अपरिश्रांत या अदीन तथा नीरोग व्यक्ति के एक उच्छ्वासनिःश्वास को प्राण कहा जाता है। सात प्राणों का एक स्तोक तथा सात स्तोकों का एक लव होता है। सतत्तर लवों का एक मुहूर्त होता है। इस प्रकार एक मुहूर्त में तीन हजार सात सौ तिहत्तर उच्छ्वास-निःश्वास होते हैं। समस्त अनन्त ज्ञानी सर्वज्ञ महापुरुषों ने ऐसा आख्यात किया है॥ १-३॥ ___इस मुहूर्त प्रमाण के अनुसार तीस मुहूर्तों का एक दिन-रात होता है। पन्द्रह अहोरात्र का एक पक्ष, दो पक्षों का एक मास, दो मासों की एक ऋतु, तीन ऋतुओं का एक अयन-वर्षार्द्ध एवं दो अयनों का एक संवत्सर या वर्ष होता है। ____ पाँच वर्षों का एक युग, बीस युगों का एक वर्ष शतक - शताब्दी, दस शताब्दियों की एक सहस्राब्दी, सौ शताब्दियों का एक लक्ष वर्ष, चौरासी लक्ष वर्षों का एक पूर्वांग, चौरासी लक्ष पूर्वांगों का एक पूर्व होता है। इसे विगुणित-विगुणित रूप में आगे इस प्रकार जानना चाहिए। चौरासी लक्ष पूर्वो का एक त्रुटितांग, चौरासी लक्ष त्रुटितांगों का एक त्रुटित, चौरासी लक्ष त्रुटितों का एक अडडांग (अततांग), चौरासी लक्ष अडडांगों का एक अडड (अतत), चौरासी लक्ष अडडों का एक अववांग, चौरासी लक्ष अववांगों का एक अवव, चौरासी लाख अववों का एक हुहुकांग, चौरासी लाख हुहुकांगों का एक हुहुक, चौरासी लक्ष हुहुकों का एक उत्पलांग, चौरासी लक्ष उत्पलांगों का एक उत्पल, चौरासी लाख उत्पलों का एक पद्मांग, चौरासी लाख पद्मांगों का एक पद्म, चौरासी लक्ष पद्मों का एक नलिनांग, चौरासी लक्ष नलिनांगों का एक नलिन, चौरासी लक्ष नलिनांगों का एक अर्थनिपुरांग, चौरासी लाख अर्थनिपुरांगों का एक अर्थनिपुर, चौरासी लाख अर्थनिपुरों का एक अयुतांग, चौरासी लक्ष अयुतांगों का एक अयुत, चौरासी लाख अयुतों का एक नयुतांग, चौरासी लक्ष नयुतांगों का एक नयुत, चौरासी लाख नयुतों का एक प्रयुतांग, चौरासी लाख प्रयुतांगों का एक प्रयुत, चौरासी लाख प्रयुतों का एक चूलिकांग, चौरासी लाख चूलिकांगों की एक जूलिका यावत् चौरासी लक्ष शीर्षप्रहेलिकांगों की एक शीर्षप्रहेलिका होती है। यहाँ तक - समय से लेकर शीर्षप्रहेलिका पर्यन्त काल का यह गणित का विषय है। उससे आगे उपमा पर आधारित वर्णन है।
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