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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र .
__ हे गौतम! हरि, हरिकांता, नरकांता तथा नारिकांता - ये चार महानदियाँ इन दोनों वर्ष के अन्तर्गत आख्यात हुई हैं।
इनमें से प्रत्येक महानदी में ५६-५६ सहस्र नदियाँ मिलती हैं। इनसे आपूरित होकर वे महानदियाँ पूर्वी एवं पश्चिमी लवण समुद्र में मिल जाती है।
इस प्रकार जम्बूद्वीप में हरिवर्ष एवं रम्यक् वर्ष दोनों में मिलाकर दो लाख चौबीस सहस्र नदियाँ हैं।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में, महाविदेह क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी महानदियाँ कही गई हैं? हे गौतम! वहाँ शीता एवं शीतोदा - दो महानदियाँ बतलाई गई हैं।
उनमें से प्रत्येक महानदी में पाँच लाख बत्तीस हजार नदियाँ मिलती हैं। उनसे आपूरित होकर वे पूर्वी एवं पश्चिमी लवण समुद्र में सम्मिलित होती हैं।
इस प्रकार जम्बूद्वीप में महाविदेह क्षेत्र के अंतर्गत कुल दस लाख चौंसठ हजार नदियाँ हैं।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में मंदर पर्वत के दक्षिण में कितनी लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख तथा । पश्चिमाभिमुख होती हुईं लवण समुद्र में मिलती हैं ?
हे गौतम! एक लाख छियानवें हजार नदियाँ पूर्वाभिमुख तथा पश्चिमाभिमुख होती हुईं लवण समुद्र में मिलती हैं। ___ हे भगवन्! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत मंदर पर्वत के उत्तर में कितनी लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवण समुद्र में गिरती हैं? __हे गौतम! एक लाख छियानवें हजार नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवण समुद्र में मिलती हैं।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में कुल कितनी लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख एवं पश्चिमाभिमुख होती हुई लवण समुद्र में गिरती हैं?
हे गौतम! कुल सात लाख अट्ठाईस हजार नदियाँ यावत् लवण समुद्र में मिलती हैं।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत कितनी लाख नदियाँ पूर्वाभिमुख होती हुईं लवण समुद्र में गिरती हैं? . ___ हे गौतम! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत सात लाख अट्ठाईस हजार नदियाँ पूर्वाभिमुख होती हुई लवण समुद्र में गिरती हैं।
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