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षष्ठ वक्षस्कार - जम्बूद्वीप के खण्ड आदि
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हे गौतम! जम्बूद्वीप में विद्याधर श्रेणियाँ और आभियोगिक श्रेणियाँ अड़सठ-अड़सठ कही गई हैं। इस तरह दोनों मिलाकर १३६ श्रेणियाँ होती हैं। ऐसा कहा गया है। ___ हे भगवन्! जम्बूद्वीप में कितने चक्रवर्ती विजय, राजधानियाँ, तिमिसगुफाएँ, खंडप्रताप गुफाएं, कृतमालकदेव, नृतमालक देव एवं ऋषभकूट प्रतिपादित हुए हैं?
हे गौतम! जम्बूद्वीप में ये सभी चौंतीस-चौंतीस बतलाए गए हैं। हे भगवन्! जम्बूद्वीप में महाद्रह कितने कहे गए हैं? हे गौतम! उसमें सोलह महाद्रह कहे गए हैं।
हे भगवन्! जंबूद्वीप में वर्षधर पर्वतों से कितनी महानदियाँ एवं कुंडों से कितनी महानदियाँ उद्गत होती हैं?
. हे गौतम! जम्बूद्वीप में वर्षधर पर्वतों से चवदह महानदियाँ एवं कुण्डों से छियत्तर महानदियाँ उद्गत होती हैं।
इस प्रकार सब मिलाकर जम्बूद्वीप में नब्बे महानदियाँ हैं।
हे भगवन्! जंबूद्वीप में भरत क्षेत्र एवं ऐरावत क्षेत्र - दोनों में मिलाकर कितनी महानदियाँ बतलाई गई हैं?
हे गौतम! उन दोनों में गंगा, सिन्धु रक्ता एवं रक्तवती - ये चार महानदियाँ बतलाई गई हैं।
एक-एक महानदी में १४-१४ सहस्र नदियाँ मिलती हैं। उनसे आपूरित होकर वे महानदियाँ पूर्वी तथा पश्चिमी लवणसमुद्र में मिलती हैं।
- इस प्रकार जंबूद्वीप में भरत तथा ऐरावत क्षेत्र के अंतर्गत कुल छप्पन सहस्र नदियाँ हैं। - हे भगवन्! जंबूद्वीप में हैमवत तथा हैरण्यवत क्षेत्र के अन्तर्गत कितनी महानदियाँ प्रतिपादित
____हे गौतम! वहाँ रोहिता, रोहितांशा, सुवर्णकूला, रूप्यकूला संज्ञक चार महानदियाँ आख्यात
___ इन दोनों में अट्ठाईस-अट्ठाईस सहस्र नदियाँ मिलती हैं। वे इनसे आपूरित होकर पूर्वी एवं पश्चिमी लवण समुद्र में मिलती हैं।
इस प्रकार हैमवत-हैरण्यवत क्षेत्र में कुल एक लाख बारह हजार नदियाँ हैं। जम्बूद्वीप के अन्तर्गत हरिवर्ष तथा रम्यक् वर्ष के अन्तर्गत कितनी महानदियाँ आख्यात हुई हैं?
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