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जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र
हे भगवन्! जम्बूद्वीप के अंतर्गत कितने क्षेत्र प्रतिपादित हुए हैं?
हे गौतम! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत सात क्षेत्र निरूपित हुए हैं, जो इस प्रकार हैं - १. भरत २. ऐरावत ३. हैमवत ४. हैरण्यवत ५. हरिवर्ष ६. रम्यक् वर्ष ७. महाविदेह। ..
हे भगवन्! जंबूद्वीप में कितने वर्षधर मंदर, चित्रकूट, विचित्रकूट, यमक, कांचन, वक्षस्कार पर्वत, दीर्घ वैताढ्य एवं वृत्त वैताढ्य पर्वत कहे गए हैं?
हे गौतम! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत छह वर्षधर, एक मंदर, एक चित्रकूट, एक विचित्रकूट, दो यमक, दो सौ पचास कांचन, बीस वक्षस्कार, चौंतीस दीर्घ वैताढ्य तथा चार वृत्त वैताढ्य पर्वत कहे गए हैं। ___ इस प्रकार जंबूद्वीप में पर्वतों की कुल संख्या २६९ है, ऐसा आख्यात हुआ है।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में कितने वर्षधर कूट, वक्षस्कारकूट, वैताढ्यकूट एवं मंदर कूट आख्यात हुए हैं?
हे गौतम! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत छप्पन वर्षधरकूट, छियानवें वक्षस्कारकूट, तीन सौ छह वैताढ्य कूट एवं नौ मंदरकूट आख्यात हुए हैं।
इस प्रकार कूटों की कुल संख्या ४६७ बतलाई गई है। हे भगवन्! जम्बूद्वीप में भरत क्षेत्र में कितने तीर्थ कहे गए हैं?
हे गौतम! जंबूद्वीप में भरत क्षेत्र के अन्तर्गत तीन तीर्थ कहे गए हैं - १. मागध २. वरदाम . एवं ३. प्रभासतीर्थ।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप के अन्तर्गत ऐरावत क्षेत्र में कितने तीर्थ निरूपित हुए हैं?
जम्बूद्वीप में ऐरावत क्षेत्र के अन्तर्गत भरत क्षेत्र की तरह तीन तीर्थ बतलाए गए हैं - १. मागध २. वरदाम ३. प्रभास तीर्थ।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में महाविदेह क्षेत्र के अंतर्गत एक-एक चक्रवर्ती विजय में कितने तीर्थ आख्यात हुए हैं?
हे गौतम! जंबूद्वीप में, महाविदेह क्षेत्र के अंतर्गत एक-एक चक्रवर्ती विजय में तीन-तीन तीर्थ आख्यात हुए हैं - ये भरत क्षेत्र की तरह - मागध, वरदाम, प्रभासतीर्थ के नाम से प्रसिद्ध है। यों जंबूद्वीप के चौंतीस विजयों में कुल मिलाकर एक सौ दो तीर्थ हैं।
हे भगवन्! जम्बूद्वीप में विद्याधर श्रेणियाँ एवं आभियोगिक श्रेणियाँ कितनी-कितनी कही गई हैं?
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