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दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र - षष्ठ दशा ********************kakkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk कूडमाई - कूटमायी - कुटिलता से, प्रच्छन्नतापूर्वक ठगने वाला, साइसंपओगबहुले - प्रवंचना हेतु छलातिशयपूर्ण प्रयोगकारी, दुस्सीले - दुष्ट प्रकृतियुक्त, दुष्परिचए - दुष्परिचयकृतघ्न, दुचरिए - दूषित चर्यायुक्त, दुरणुणेए - कठिनाई से नियंत्रित होने वाला, दुव्वए - दोष या पापपूर्ण व्यवहार करने वाला, दुप्पडियाणंदे - दूसरों को दुःखी देखकर आनंदित होने वाला, णिस्सीले - शीलरहित, णिव्वए - निर्वत्त - व्रत, प्रत्याख्यान रहित, णिग्गुणे - निर्गुण, णिम्मेरे - मर्यादाशून्य, णिप्पच्चक्खाण-पोसहोववासे - प्रत्याख्यान, पौषध और उपवास से रहित, असाहू - असाधु - सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्रविहीन तथा सावध प्रवृत्ति युक्त, अप्पडिविरया - विरति रहित, पेज्जाओ - प्रेम से, अब्भक्खाणाओ - व्यर्थ आलाप, पेसुण्ण - चुगली, परपरिवायाओ - परनिन्दा, अरइरइ - अरतिरति - धर्म में अननुराग तथा अधर्म में अनुराग, मायामोसाओ - कपट युक्त मिथ्याकथन, दंतकट्ठः- दंतकाष्ठ - दंतौन, ण्हाण - स्नान, महण - मर्दन - मालिश, फरिस - स्पर्श, सगड - शकट - गाड़ी, रह - रथ, जाण - जल-थल-आकाश में गमन का साधन, जुग - दो पुरुषों द्वारा वहन किए जाने योग्य यान, गिल्ली - पुरुषों द्वारा कंधों पर उठाये जाने वाली पालखी, थिल्ली - खच्चरगाड़ी, सीया - शिविका - पालखी विशेष, संदमाणिया - स्यंदमानिका - एक ही पुरुष के बैठने योग्य पालखी, पवित्थर - प्रविस्तर - कलश, थाली, लोटा आदि, आस - अश्व, गो - गाय, बैल, महिस - भैंसा, गवेलक - मेंढा, कम्मकर - कर्मकर - पैदल चलकर कर्म करने वाले, मास - माषा - पाँच गुञ्जाओं के समान वजन युक्त, हिरण्ण - चाँदी, सुवण्ण - सोना, धणधण्ण - धन-धान्य, मोत्तिय - मौक्तिक - मोती, सिलप्पवाल - विशिष्ट लालिमायुक्त मूंगे, कूडतुलकूडमाणाओ - कूट तौल माप, पयण-पयावणाओ - पकाना-पकवाना, करणकरावणाओ. - करना-करवाना, कुट्टण - मूसल आदि से कूटना, पिट्टण - मोगरी (मुद्गर) आदि से पीटना, तज्जण - तिरस्कार करना, धमकाना, तालणाओताड़ना, वह - वध - तलवार आदि से मारना, बंध - सांकल आदि से बांधना, परिकिलेसपरिक्लेश - कष्ट देना, यावण्णे - अन्य - दूसरे, तहप्पगारा - दूसरे प्रकार के, अबोहियाबोधिरहित, कजंति - करते हैं, परपाणपरियावणकरा - अन्य प्राणियों के लिए परितापकारी कार्य करने वाले, केइ - कोई, कलम - शालि जाति का धान्य विशेष, मुग्ग - मूंग, मासउर्द (उड़द), णिप्फाव - निष्पाव - वालोल (वल्लकः), कुलत्थ - कुलथी (निम्न कोटिक अन्न विशेष), आलिसिंदग - (चपलः) चँवला, जवजवा - ज्वार, एवमाइएहिं - यों कहे जाने पर, अयत्ते - यत्न रहित, मिछादंडं - मिथ्यादण्ड - निरपराधियों पर झूठा आरोप
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