________________
उपासक प्रतिमाएं
★★★★★★★★★★★★★★★kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk
लगाकर दण्ड देना, पउंजइ - (प्रयुनक्ति) - प्रयुक्त करते हैं, तहप्पगारे - वैसा, वट्टग - वर्तक - बटेर, लावय - लावक - लवा (पक्षी विशेष), कवोय - (कपोत) कबूतर, कविंजल - (कपिञ्जल) कुरज, मिय - मृग, वराह - सूअर, गाह - ग्राह मगरमच्छ, गोह - गोह, कुम्म - कूर्म - कछुआ, सरिस - सरीसृप - पेट के बल रेंगने वाले जन्तु, पेसेइ - प्रेष्य - संवादवाहक भृत्य, भत्तएइ - भृत्य - वेतनजीवी, भाइल्लेइ - भागिक - अंशग्राही, कम्मकरेइ - घरेलू नौकर, भोगपुरिसेइ - भोगपुरुष, अन्योपार्जित वित्तभोगी, अण्णयरगंसि - किसी अन्य में, अहालहुयंसि - सर्वथा स्वल्प, अवराहसि - अपराध करने पर, सयमेव - स्वयमेव - खुद-ब-खुद, गरुयं - गुरुक - भारी, वत्तेइ - देता है, तालेह - थप्पड़ मारो (चपेटा लगाओ), अंदुयबंधणं - हाथों को हथकड़ियों से जकड़ना, णियलबंधणंबेड़ी डालना, हडिबंधणं - खोड़े में डालना, चारगबंधणं - चारकबंधन - जेल में डालना, णियलजुयल-संकोडियमोडियं - पैरों को बांधकर शरीर को पीछे की ओर मोड़ना, हत्थछिण्णयं - हाथ काटना, कण्ण - कर्ण - कान, णक्क - नाक, उट्ट - ओष्ठ (होठ), सीस - सिर, वेय - वेद - पुरुषचिह्न (जननेन्द्रिय), हियउप्पाडियं - हृदय चीरना, णयण - नेत्र, वसण - वृषण (अण्डकोष), दंसण - दाँत, वयण - शरीर, जिब्भ - जीभ, उल्लंबियं - उल्टा लटकाना, घासियं - घर्षित करना - घसीटना, घोलियं - मथ डालना, सूलाइयं - शूलाचितं - सूली पर चढ़ाना, सूलाभिण्णं - त्रिशूल से बींध डालना, खारवत्तियं - शस्त्रों से काटकर नमक छिड़कना, दब्भवत्तियं - डाभ आदि तीखे घास चुभाना, सीहपुच्छयं - सिंह की पूँछ के साथ बांधना, वसभपुच्छयं - बैल की पूँछ के साथ बांधना, दवग्गिदड्डयं - जंगल की भयानक दावाग्नि में, काकणीमंसखावियं - कौड़ी परिमाण टुकड़े-टुकड़े कर जंगली जानवरों को डाल देना, भत्तपाणणिरुद्धयं - खान-पानं रोक देना अण्णयरेणं - किसी दूसरे प्रकार से, कुमारेणं - कुत्सित मौत से, भज्जाइ - भार्या, धूयाइ - पुत्री, सुण्हाइ - पुत्रवधू, सीओदगवियडंसि - ठण्डे जल से भरे हुए, (जलाशय आदि), बोलित्ता - बुडिता - डूबाना, उसिणोदगवियडेण - अत्यन्त गर्म जल द्वारा, सिंचित्ता - डालना (फेंकना), अगणिकाएण - अग्निकाय द्वारा, उड्डहित्ता - जलाना, जोत्तेण - बैल आदि के (शकट आदि में) बांधने की रस्सी से, वेत्तेण - बेंत द्वारा, णेत्तेण - दही मथने की डोरी से, कसेण - चाबुक द्वारा, छिवाडीए - वल्लक वृक्ष की चीरी हुई फली की तीक्ष्ण धार से, लयाए - लता से, पासाई - पार्श्व से, उहालित्ता - उधेड़ना, दंडेण - लाठी से, अट्ठीण - हड्डी से, मुट्ठीण - मुष्टि प्रहार द्वारा, लेलुएण -
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org