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आवश्यक सूत्र - चतुर्थ अध्ययन 00000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000000 से, कायदंडेणं - काया दण्ड से, गुत्तीहिं - गुप्तियों से, मणगुत्तीए - मनोगुप्ति से, वयगुत्तीए - वचनगुप्ति से, कायगुत्तीए - कायगुप्ति से, सल्लेहिं - शल्यों से, माया सल्लेणं - माया के शल्य से, नियाण सल्लेणं -निदान के शल्य से, मिच्छादसण सल्लेणंमिथ्यादर्शन के शल्य से, गारवेटिं - औरों ने हरियाणा - मद्धि गौरव से, रसगारवणरस गौरव से, सायागारवेणं - साता गौरव से, विराहणाहिं - विराधनाओं से, णाणविराहणाएज्ञान की विराधना से, दंसणविराहणाए - दर्शन की विराधना से, चरित्तविराहणाए - चारित्र की विराधना से, कसाएहिं - कषाय से, सण्णाहिं - संज्ञाओं से, विकहाहिं - विकथाओं से, अट्टेणं झाणेणं - आर्त ध्यान से, रुद्देणं झाणेणं - रौद्रध्यान से, धम्मेणं झाणेणं - धर्म ध्यान से, सुक्केणं झाजेणं - शुक्ल ध्यान से, किरियाहिं - क्रियाओं से, काइयाए - कायिकी से, अहिगरणियाए - आधिकरणिकी से, पाउसियाए - प्राद्वेषिकी से, , पास्तिावणियाए- पारितापनिकी से, पाणाइवायकिरियाए - प्राणातिपात क्रिया से, पंचहिं - पांचों, कामगुणेहिं - कामगुणों से, सहेणं - शब्द से, रूवेणं - रूप से, गंधेणं - गंध से, . रसेणं - रस से, फासेणं - स्पर्श से, महव्यएहि - महाव्रतों से, सव्वाओ - सब प्रकार के, इरिया - ईर्या, समिईए - समिति से, भासा - भाषा, एसणा - एषणा, आयाण - आदान, भंडमत्त - भण्डमात्र, निक्खेवणा - निक्षेपणा, उच्चार - मल, पासवण - प्रस्रवण - मूत्र, खेल - कफ, जल्ल - शरीर का मैल, सिंघाण - नाक का मैल, परिद्वावणिया - इनको परठने की, छहिं - छहों, जीवनिकाएहि - जीव निकायों से, किण्ह लेसाए - कृष्ण लेश्या से, नील लेसाए - नील लेश्या से, काठ लेसाए - कापोत लेश्या से, तेउ लेसाए - तेजोलेश्या से, पम्ह पउम)लेसाए - पद्म लेश्या से, सुक्क लेसाएशुक्ल लेश्या से, सत्तहि - सात, भयहाणेहि - भय के स्थानों से, अहिं - आठ, मयहाणेहिमद के स्थानों से, नवहिं - नौ, बंभचेरगुत्तीहिं - ब्रह्मचर्य की गुप्तियों से, दसविहे - दस प्रकार के, समणधम्मे - श्रमण धर्म में, एक्कारसहिं - ग्यारह, उवासग - श्रावक की, पडिमाहि- प्रतिमाओं से, बारसहि - बारह, भिक्खु - भिक्षु की, तेरसहि - तेरह, किरियाठाणेहिं - क्रिया के स्थानों से, बगदसहि-चौदह, भूपंगामेहि- जीव समूहों से, पण्णरसहि- पन्द्रह, परमाहम्मिी -परमाधार्मिकों से, सोलसहि- सोलह, गाहासोलसहिगाथा षोडशकों से, सत्तरसायो - सतरह प्रकार के, भहारसविहे - अठारह प्रकार के, अबभे - अब्रह्मचर्य में, एगुणवीसाए - उन्नीस, णापमपणेहि - ज्ञातासूत्र के अध्ययनों
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