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आवश्यक सूत्र - प्रथम अध्ययन
कठिन शब्दार्थ - तस्स - उसकी, दूषित आत्मा की, उत्तरीकरणेणं - विशेष उत्कृष्टता के लिए, पायच्छित्तकरणेणं - प्रायश्चित्त करने के लिए, विसोहिकरणेणं - विशेष निर्मलता के लिए, विसल्लीकरणेणं - शल्य से रहित करने के लिए, पावाणं कम्माणं - पाप कर्मों के, णिग्घायणट्ठाए - विनाश के लिए, काउस्सग्गं - कायोत्सर्ग अर्थात् शरीर की क्रिया का त्याग, ठामि - करता हूं। अण्णत्थ - आगे कहे जाने वाले आगारों के सिवाय, ऊससिएणंऊंचा श्वास लेने से, णीससिएणं - नीचा श्वास लेने से, खासिएणं - खांसी से, छीएणं -. छींक से, जंभाइएणं - जंभाई, उबासी लेने से, उड्डुएणं - डकार लेने से, वायणिसग्गेणंअधोवायु निकलने से, भमलीए - चक्कर आने से, पित्तमुच्छाए - पित्त विकार के कारण मूर्छा आ जाने से, सुहुमेहिं - सूक्ष्म, थोड़ा सा भी, अंगसंचालेहिं - अंग के संचार से,
खेलसंचालेहिं - कफ के संचार से, दिट्ठिसंचालेहिं - दृष्टि, नेत्र के संचार से, एवमाइएहिंइत्यादि, आगारेहिं - आगारों से, अपवादों से, अभग्गो - अभग्न, अविराहिओ - अविराधित, अखंडित, हुज्ज - होवे, मे - मेरा, काउस्सग्गो - कायोत्सर्ग, जाव - जब तक, अरहंताणं भगवंताणं - अर्हन्त भगवंतों को, णमोक्कारेणं - नमस्कार करके, ण पारेमि - न पारूं, . ताव - तब तक, कायं - शरीर को, ठाणेणं - एक स्थान पर स्थिर रह कर, मोणेणं - मौन रह कर, झाणेणं - ध्यानस्थ रह कर, अप्पाणं - अपनी (अशुभ योग एवं कषाय रूप आत्मा को), वोसिरामि - वोसिराता हूं, त्यागता हूं।
भावार्थ - आत्मा की विशेष उत्कृष्टता - श्रेष्ठता के लिए, प्रायश्चित्त के लिए, विशेष निर्मलता के लिए, शल्य रहित होने के लिए, पापकर्मों का पूर्णतया विनाश करने के लिए मैं कायोत्सर्ग करता हूँ अर्थात् आत्मविकास की प्राप्ति के लिए शरीर संबंधी समस्त चंचल व्यापारों का त्याग करता हूँ। ... आगे कहे जाने वाले आगारों के सिवाय कायोत्सर्ग में शेष काय व्यापारों का त्याग करता हूँ - उच्छ्वास, निःश्वास, खांसी, छींक, उबासी, डकार, अपानवायु, चक्कर, पित्तविकार जन्य मूर्छा, सूक्ष्म रूप से अंगों का हिलना, सूक्ष्म रूप से कफ का निकलना, सूक्ष्म रूप से नेत्रों का हरकत में आ जाना, इत्यादि आगारों से मेरा कायोत्सर्ग अभग्न एवं अविराधित हो।
जब तक अर्हन्त भगवंत को नमस्कार न कर लूं अर्थात् 'णमो अरहंताणं' ऐसा प्रकट रूप में न बोल लूँ तब तक एक स्थान पर स्थिर रह कर, मौन रह कर, धर्मध्यान में चित्त की एकाग्रता करके अपने शरीर को पाप व्यापारों से अलग करता हूँ।
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