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आवश्यक सूत्र - परिशिष्ट द्वितीय
१. बन्धे - ऐसे मजबूत बंधन से बांधना कि जिससे गति संचार, शरीर संचार और रक्त संचार में बाधा पड़े, गाढ़ा बंधन कहलाता है।
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२. व्हे - घूंसा, लात, चाबुक, आर आदि से मर्म स्थान आदि पर ऐसा प्रहार करनाताडन करना-मारना कि चमड़ी उधड़ जाय, रक्त बहने लगे या निशान पड़ जाय, 'वहे' अतिचार है ।
३. छविच्छेए - रोगादि कारणों के न होते हुए अंग भंग करने चमड़ी का छेदन करने, डा आदि देने, अवयव आदि काटने पर "छविच्छेद" अतिचार लगता है।
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४. अइभारे - जो पशु जितने समय तक जितना भार ढो सकता हो; उससे भी अधिक समय तक उस पर भार (बोझ लादना अथवा पशु की क्षमता से अधिक भार लादना या जो मनुष्य जितने समय तक जितना कार्य कर सकता हो, उससे भी अधिक समय तक अथवा उसकी क्षमता से अधिक उससे कार्य कराना, अतिभार अतिचार है ।
५. भत्तपाण वोच्छेए - भोजन पानी के समय भोजन-पानी नहीं करने देने. अन्तराय देने से " भत्तपाण वोच्छेए" अतिचार लगता है।
२ सत्य अणुव्रत
दूसरा अणुव्रत-थूलाओ मुसावायाओ वेरमणं कण्णालीए, गोवालीए, भोमालीए, णासावहारो (थापणमोसो) कूडसक्खिज्जे (झूठी साक्षी) इत्यादि बड़ा (मोटा ) झूठ बोलने का पच्चक्खाण जावज्जीवाए दुविहं तिविहेणं न करेमि न कारवेमि मणसा वयसा कायसा एवं दूसरा व्रत स्थूल मृषावाद विरमण के पंच अइंयारा जाणियव्वा न समायरियव्वा तंजहा ते आलोउं सहसब्भक्खाणे, रहस्सब्भक्खाणे, सदारमंतभेए, मोसोवएसे, कूडलेहकरणे जो मे देवसिओ अइयारो कओ तस्स मिच्छामि दुक्कडं ।
कठिन शब्दार्थ - मुसावायाओ मृषावाद से, कण्णालीए - कन्यालीक - कन्या सम्बन्धी झूठ, गोवालीए गाय सम्बन्धी झूठ, भोमालीए भूमि सम्बन्धी झूठ, णासावहारो - धरोहर दबाने के लिए झूठ, थापणमोसो - धरोहर संबंधी झूठ, कूड
स्त्रियों को 'सभत्तारमंतभेए' बोलना चाहिये ।
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