SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 202
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रमण आवश्यक सूत्र - पाँच समिति ...........................** ............................................. ऐसी पहली समिति के विषय जो कोई अतिचार दोष लगा हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं । २. भाषा समिति के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊंद्रव्य से - क्रोध, मान, माया, लोभ, हास्य, भय, वाचालता, विकथा इन आठ बोलों का वर्जन करके भाषा बोलनी । क्षेत्र से मार्ग में चलते हुए बोलना नहीं । काल से एक प्रहर रात जाने के बाद सूर्योदय तक जोरजोर से बोलना नहीं । भाव से - रागद्वेष रहित बोलना । ऐसी दूसरी समिति के विषय जो कोई अतिचार दोष लगा हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं । ३. एषणा समिति के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊंद्रव्य से उद्गम के १६, उत्पादना के १६, एषणा के १० इन ४२ दोषों को वर्जकर आहार पानी आदि लेना । क्षेत्र से आहारादि को दो कोस उपरान्त ले जाकर भोगना नहीं । काल से पहले प्रहर के लाये हुए आहार को चौथे प्रहर में वापरना नहीं । भाव से मांडला के पाँच दोषों को वर्जकर आहारादि वापरना। ऐसी तीसरी समिति के विषय जो कोई अतिचार दोष लगा हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं । Jain Education International ४. आदान- भाण्ड - मात्र - निक्षेपणा समिति के विषय में जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊं द्रव्य से - पोथी पाना वस्त्र पात्रादि भण्डोपकरण यतना से लेना, यतना से रखना । क्षेत्र से - इधर उधर बिखरे हुए नहीं रखना । काल से - कालोकाल प्रतिलेखन करना । भाव से ममता मूर्च्छा रहित वापरना। ऐसी चौथी समिति के विषय जो कोई अतिचार दोष लगा हो तो तस्स मिच्छामि दुक्कडं । ५. उच्चार प्रस्त्रवण खेल जल्ल सिंघाण परिद्वावणिया समिति के विषय जो कोई अतिचार लगा हो तो आलोऊं द्रव्य से स्थण्डिल दस बोल वर्जकर परठना । क्षेत्र से ग्रामादि के निषिद्ध स्थानों में परठना नहीं । काल - L - - १८१ 1000 For Personal & Private Use Only - www.jainelibrary.org
SR No.004176
Book TitleAavashyak Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year2007
Total Pages306
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy