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आवश्यक सूत्र - परिशिष्ट प्रथम
परिशिष्ट प्रथम
श्रमण आवश्यक सूत्र वर्तमान में श्रमण आवश्यक में निम्न पाठ बोलने की परंपरा है - १. नमस्कार सूत्र २. गुरुवंदन सूत्र ३. आलोचना सूत्र ४. उत्तरीकरण सूत्र ५. चतुर्विंशतिस्तव सूत्र ६. प्रतिज्ञा सूत्र ७. प्रणिपात सूत्र ८. इच्छामि णं भंते का पाठ ९. इच्छामि ठामि का पाठ १० ज्ञानातिचार सूत्र (आगमे तिविहे का पाठ) ११. दर्शन सम्यक्त्व का पाठ १२. कायोत्सर्ग का पाठ (१२५ अतिचार) १३. द्वादशावर्त वंदन सूत्र (इच्छामि खमासमणो) १४. १२५ अतिचारों का प्रकटीकरण १५. संलेखना का पाठ १६. अठारह पाप स्थान का पाठ १७. मंगलादि सूत्र (चत्तारि मंगलं) १८. तस्स सव्वस्स का पाठ १९. शय्या सूत्र (निद्रादोष निवृत्ति का पाठ) २०. गोचर चर्या सूत्र (भिक्षा दोष निवृत्ति का पाठ) २१. कालप्रतिलेखना सूत्र २२. तेतीस बोल २३. निर्ग्रन्थ प्रवचन का पाठ २४. पाँच पदों की वंदना २५. क्षमापना सूत्र २६. आयरिए उवज्झाए का पाठ २७. चौरासी लाख जीवयोनि का पाठ २८. देवसिय पायच्छित्त का पाठ २९. समुच्चय पच्चक्खाण का पाठ ३०. प्रतिक्रमण का समुच्चय पाठ ३१. प्रत्याख्यान सूत्र।
जो पाठ आवश्यक सूत्र में आ चुके हैं। उनके अलावा शेष पाठ इस परिशिष्ट में क्रमशः दिये जा रहे हैं -
प्रणिपात सूत्र (णमोत्थुणं का पाठ) णमोत्थुणं अरहंताणं* भगवंताणं आइगराणं तित्थयराणं सयंसंबुद्धाणं पुरिसुत्तमाणं पुरिससीहाणं पुरिसवर-पुंडरीयाणं पुरिसवर-गंधहत्थीणं लोगुत्तमाणं लोग-णाहाणं लोगहियाणं, लोगपईवाणं लोगपज्जोयगराणंअभयदयाणं चक्खुदयाणं मग्गदयाणं सरणदयाणं जीवदयाणं बोहिदयाणं धम्मदयाणं
* पाठान्तर - अरिहंताणं।
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