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13 अरहंतभासियत्थं [ ( अरहंत + ( भासिय) + (प्रत्थं ) ] [ ( प्ररहंत ) -
( भासिय) भू. कृ. - ( प्रत्थ) 1 / 1 ] । गरगहरदेवह [ (गरणहर ) - (देव) 3/2] | गंधियं (गंथ) भू. कृ. 1 / 1 । सम्मं (प्र) = भली प्रकार से । पणमामि (परणम) व 1 / 1 सक। भत्तिसो [ (भत्ति ) - (जुत्ता) 1 / 1 वि] । सुवणाणमहो वह [ ( सुद) - ( सारण ) - ( महोदहि ) 2 / 1] सिरसा (सिर) 3/1
1. अर्धमागधी में कुछ शब्दों में तृतीया के एकवचन में 'सा' प्रत्यय: जोड़ा जाता है । इसे अनियमित भी कहा जा सकता है, (शिरस् → शिरसा सिरसा 3 / 1 )
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14 ससमयपरसमयविक [ ( स )
( विउ ) 1 / 1 वि] । सिवो
वि - ( समय ) - ( पर) वि - ( समय ) - गंभीरो (गंभीर ) 1 / 1 वि । वित्तिमं ( दित्तिम) 1 / 1 वि । (सिव) 1 / 1 वि । सोमो (साम) 1 / 1 वि । गुणसयकलिओ [ ( गुरण) - ( सय) वि - ( कल ) भूकृ 1 / 1 ] । जुत्तो ( जुत्त) 1 / 1 वि । पवयरणसारं [ ( पवयरण ) - ( सार ) 2 / 1 (परिकह) है. कृ. ।
] ।
परिकहेउं
15 जं (जं) 2 / 1 सवि । इच्छसि ( इच्छ) व 2 / 1 सक । श्रप्पणतो ( अप्पण) पंचमी अर्थक 'तो' प्रत्यय । च ( अ ) = श्रीर । ण ( प्र ) = नहीं । तं (त) वि ।
2 / 1 सवि । इच्छ ( इच्छ) विधि 2 / 1 सक । परस्स (पर) 4 / 1 वि. ( अ ) = भी। या (प्र) = प्रर । एत्तियगं (एत्तिय ) स्वार्थिक 'ग' प्रत्यय 1 / 1 वि । जिणसासरणं [ ( जिरण - ( सासरा ) 1 / 1 ] | 16 ओसासो (प्रासास ) 1 / 1 | वीसासो (वीसास) 1 / 1 । सीयघरसमो [(( सीय) वि - ( घर ) - (सम) 1 / 1 वि ] | य ( अ ) = और होइ (हों) । व 3 / 1 अक । मा ( अ ) = मत । भाहि (भा) विधि 2 / 1 अक । अम्मापितिसमाणो [ ( प्रम्मा ) - (पिति ) - ( समारण) 1 / 1 वि] । संघो (संघ) 1 / 1। सरणं (सरण) 1 / 1 । तु ( अ ) = तो । सब्वेंस (सव्व) 4 / 2 वि ।
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