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63. अब्भुट्टेया समणा सुत्तत्थविसारदा उवासेया।
संजमतवणाणड्डा पणिवदणीया हि समणेहिं।।
समणा
अब्भुट्टेया (अब्भुट्टेय) विधिक 1/2 अनि खड़े होकर सम्मान
किये जाने योग्य (समण) 1/2
श्रमण सुत्तत्थविसारदा [(सुत्तत्थ)-(विसारद)1/2 वि] सूत्रों के अर्थ में प्रवीण उवासेया (उवासेय) विधिक 1/2 अनि सेवा किये जाने योग्य संजमतवणाणड्ढा [(संजम)-(तव)- संयम, तप और
(णाणड्ड) 1/2 वि] ज्ञान में सम्पन्न पणिवदणीया (पणिवद) विधिक 1/2 प्रणाम किये जाने योग्य हि . अव्यय
निश्चय ही समणेहि (समण) 3/2 श्रमणों द्वारा
अन्वय- समणा अब्भुट्ठया सुत्तत्थविसारदा उवासेया संजमतवणाणड्डा हि समणेहिं पणिवदणीया।
... अर्थ- (जो) श्रमण खड़े होकर सम्मान किये जाने योग्य (है), सूत्रों के अर्थ में प्रवीण (है), सेवा किये जाने योग्य (है), संयम, तप और ज्ञान में सम्पन्न (है), (वह) निश्चय ही (अन्य) श्रमणों द्वारा (भी) प्रणाम किये जाने योग्य (होता है)।
प्रवचनसार (खण्ड-3) चारित्र-अधिकार
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