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75. दुपदेसादी खंधा सुहमा वा बादरा ससंठाणा। ___ पुढविजलतेउवाऊ सगपरिणामेहिं जायते॥
खंधा
दुपदेसादी [(दुपदेस)+(आदी)]
[(दुपदेस)-(आदी-आदि) दो प्रदेश से आरंभ 1/2 वि]
.. करनेवाले... (खंध) 1/2 . स्कन्ध सुहुमा (सुहुम) 1/2 वि . सूक्ष्म वा । अव्यय
और बादरा (बादर) 1/2 वि स्थूल ससंठाणा (स-संठाण) 1/2 वि आकार-सहित पुढविजलतेउवाऊ [(पुढवि)-(जल)-(तेउ)- पृथ्वीकाय, जलकाय, (वाउ) 1/2]
अग्निकाय, वायुकाय सगपरिणामेहिं [(सग) वि-(परिणाम) 3/2] स्वपरिणमन से जायंते (जा) व 3/2 अक उत्पन्न होते हैं
'य' विकरण अन्वय- दुपदेसादी खंधा सुहुमा वा बादरा पुढविजलतेउवाऊ सगपरिणामेहिं जायंते ससंठाणा।
___ अर्थ- दो प्रदेश से आरंभ करनेवाले (पुद्गल) स्कंध (जो) सूक्ष्म और स्थूल (होते हैं) (वे) पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय (पुद्गल) स्वपरिणमन से उत्पन्न होते हैं (और) (वे) (भिन्न-भिन्न) आकारसहित (होते हैं)।
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प्रवचनसार (खण्ड-2)
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