________________
71.
अपदेसो परमाणू पदेसमेत्तो य सयमसद्दो जो। णिद्धो वा लुक्खो वा दुपदेसादित्तमणुहवदि।।
य
. स्वयं
अपदेसो (अपदेस) 1/1 वि प्रदेश-रहित परमाणू (परमाणु) 1/1
परमाणु पदेसमेत्तो (पदेसमेत्त) 1/1 वि एक प्रदेशमात्र अव्यय
और सयमसद्दो
[(सयं)+(असद्दो)] सयं (अ) = स्वयं असद्दो (असद्द) 1/1 वि शब्द-रहित
(ज) 1/1 सवि गिद्धो । (णिद्ध) 1/1 वि स्निग्ध
अव्यय (लुक्ख) 1/1 वि अव्यय
पुनरावृत्ति भाषा की
पद्धति दुपदेसादित्तमणुहवदि [(दुपदेस)+(आदित्तं)+
(अणुहवदि)] [(दुपदेस)-(आदित्त) 2/1वि] दो प्रदेश वगैरहपन को अणुहवदि (अणुहव) प्राप्त करता है व 3/1 सक
अथवा रूक्ष .
.
लुक्खो
अन्वय- परमाणू अपदेसो य जो पदेसमेत्तो सयमसद्दो णिद्धो वा लुक्खो वा दुपदेसादित्तमणुहवदि।
अर्थ- परमाणु (दो आदि) प्रदेश-रहित (है) और जो एक प्रदेशमात्र (है) (वह) स्वयं शब्द रहित है। (और) (उसमें) स्निग्ध अथवा रूक्ष (गुण) (होता है) (तथा) (परिणमन करता हुआ) (वह) (स्निग्ध अथवा रूक्ष गुण के कारण) दो प्रदेश वगैरहपन को प्राप्त करता है।
(86)
प्रवचनसार (खण्ड-2)
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org