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68.
णाहं देहो ण मणो ण चेव वाणी ण कारणं तेसिं। कत्ता ण ण कारयिदा अणुमंता णेव कत्तीणं।।
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।
और
वाणी
[(ण)+ (अहं)] ण (अ) = न अहं (अम्ह) 1/1 स (देह) 1/1 अव्यय (मण) 1/1 अव्यय [(च)+(एव)] च (अ) = और एव (अ) = ही (वाणी) 1/1 अव्यय (कारण) 1/1 (त) 6/2 सवि (कत्तु) 1/1 वि अव्यय अव्यय (कारयिदु) 1/1 वि (अणुमंतु) 1/1 वि अव्यय (कत्ति) 6/2 वि
वचन
न
कारण
कारणं तेसिं कत्ता ण .
उनका करनेवाला
.
कारयिदा अणुमंता
णेव
करानेवाला अनुमोदक न ही करनेवालों का
कत्तीणं
अन्वय- णाहं देहो ण मणो च ण एव वाणी ण कारणं तेसिं ण कत्ता ण कारयिदा णेव कत्तीणं अणुमंता।
अर्थ- मैं न शरीर (हूँ), न मन (हूँ), और न ही वचन (हूँ), न उनका कारण (हूँ), न करनेवाला (हूँ), न करानेवाला (हूँ), न ही करनेवालों का अनुमोदक (हूँ।
प्रवचनसार (खण्ड-2)
(83)
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