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54. इंदियपाणो य तथा बलपाणो तह य आउपाणो य।
आणप्पाणप्पाणो जीवाणं होंति पाणा ते।।
इंदियपाणो
[(इंदिय)-(पाण) 1/1] . इन्द्रियप्राण
अव्यय
और
तधा
अव्यय
इसी प्रकार
बलपाणो
बलप्राण
[(बल)-(पाण) 1/1] अव्यय
तह
इसी प्रकार
अव्यय
और आयुप्राण
आउपाणो
[(आउ)-(पाण) 1/1]
अव्यय
और
आणप्पाणप्पाणो [(आणप्पाण)-(प्पाण) 1/1] श्वासोच्छवास प्राण जीवाणं . (जीव) 6/2
जीवों के होंति
(हो) व 3/2 अक पाणा
(पाण) 1/2 . (त). 1/2 सवि
होते हैं
प्राण
अन्वय- इंदियपाणो य तथा बलपाणो य तह आउपाणो य आणप्पाणप्पाणो ते पाणा जीवाणं होंति।
अर्थ- इन्द्रियप्राण और इसी प्रकार बलप्राण और इसी प्रकार आयुप्राण और श्वासोच्छवास प्राण- वे (सब) प्राण जीवों के होते हैं।
प्रवचनसार (खण्ड-2)
(69) .
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