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44. लोगालोगेसु णभो धम्माधम्मेहि आददो लोगो।
सेसे पडुच्च कालो जीवा पुण पोग्गला सेसा।।
लोगालोगेसु
लोक और अलोक में आकाश
णभो धम्माधम्मेहि
आददो
लोगो
(लोग)+(अलोगेसु)] [(लोग)-(अलोग) 7/2] (णभ) 1/1 [(धम्म)+(अधम्मेहि)] [(धम्म)-(अधम्म) 3/2] (आदद) भूकृ 1/1 अनि (लोग) 1/1 (सेस) 2/2 वि.
अव्यय (काल) 1/1 (जीव) 1/2 अव्यय (पोग्गल) 1/2 (सेस) 1/2 वि
धर्म और अधर्म से व्याप्त लोक शेषों को अवलम्बन करके काल
पडुच्च कालो जीवा
जीव
पुण
और
पोग्गला
पुद्गल शेष
___ अन्वय- णभो लोगालोगेसु लोगो धम्माधम्मेहि आददो सेसा जीवा पुण पोग्गला कालो सेसे पडुच्च।
— अर्थ- आकाश (द्रव्य) लोक और अलोक में (रहता है)। लोक धर्म और अधर्म से व्याप्त (है)। शेष (द्रव्य) जीव और पुद्गल (भी) (लोक में) (है)। काल शेषों (जीव और पुद्गल के परिवर्तन) को अवलम्बन करके (जाना जाता
प्रवचनसार (खण्ड-2)
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